खगड़िया। शक्षिा विभाग बेहतर व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने का दावा भले ही करती हो, परंतु धरातल पर स्थिति निराशाजनक है। उत्तरी भदास पंचायत स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय दयनीय शिक्षा व्यवस्था का उदाहरण है। चार माह पूर्व ही उत्क्रमित कर इसे माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया है। बीते 24 अगस्त को
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूबे के प्रत्येक पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले जाने की योजना के तहत नौवीं कक्षा की पढ़ाई की शुरुआत वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए की थी। कन्या मध्य विद्यालय उत्तरी भदास को अपग्रेड कर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय उत्तरी भदास बनाया गया। आठवीं पास विद्यार्थियों का नामांकन भी नौवीं कक्षा में हुई। परंतु, अब तक पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान के तहत उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का जायजा लिया। विद्यालय में पांच शिक्षक आपस में बातचीत करने में मशगूल दिखे। यहां एक भी विद्यार्थी नजर नहीं आया। प्रधानाध्यापक सितेश कुमार ने बताया कि विद्यालय में कुल छह शिक्षक हैं, पांच उपस्थित हैं और एक अवकाश पर हैं। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन के बीच बीते करीब नौ माह से पठन-पाठन का कार्य बंद पड़ा हुआ है। विद्यालय में भवन व अन्य व्यवस्था का घोर अभाव दिखा। माध्यमिक तो दूर यहां मध्य विद्यालय स्तर की भी कोई व्यवस्था नहीं दिखी। नौवीं कक्षा के लिए नहीं है एक भी शिक्षकविद्यालय को उत्क्रमित कर माध्यमिक में तब्दील किया गया। परंतु, अब तक यहां माध्यमिक स्तर की कोई व्यवस्था नहीं हुई है। विद्यालय के आठवीं पास 61 विद्यार्थियों का नामांकन नौवीं कक्षा में किया गया है। पर नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने को लेकर एक भी शिक्षक अब तक नियुक्त नहीं हुए हैं। दूसरी ओर प्राइमरी और मध्य सेक्शन में कुल 194 छात्र- छात्राएं हैं। जिसके लिए प्रधानाध्यापक सहित कुल पांच शिक्षक नियुक्त हैं। भवन का है घोर अभाव
विद्यालय में भवन का घोर अभाव है। वर्षों पूर्व बना मात्र छह कमरे का एक भवन है। जिसमें पूर्व से कन्या मध्य विद्यालय के वर्ग एक से आठ तक का संचालन होता था। अब इसे माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित कर दिया गया है और नौवीं कक्षा का संचालन भी इसी छह कमरे में से एक में हो रहा है। माध्यमिक विद्यालय के लिए भवन की व्यवस्था नहीं हुई है। पूर्व के भवन की दयनीय स्थिति बनी हुई है। किसी प्रकार यहां विद्यालय का संचालन हो रहा है। शिक्षकों ने बताया कि भवन निमार्ण को लेकर विद्यालय के पास जमीन भी नहीं है। जिससे भवन निर्माण में बाधा हो रही है। छत से पानी का रिसाव होता है। प्लास्टर झड़कर गिर रहा है। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।
अन्य संसाधन और सुविधा का भी है अभाव
इस विद्यालय में भवन की समस्या के साथ अन्य संसाधन व सुविधा का भी अभाव है। यहां पूर्व के बने शौचालय तो हैं, परंतु स्थिति दयनीय है। पेयजल के नाम पर विद्यालय में एक चापाकल है। बिजली कनेक्शन तो है, परंतु यहां पंखे नहीं लगे हैं। प्रयोगशाला, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास की व्यवस्था नहीं है। :::::::::
विद्यालय चार माह पूर्व ही उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में परिणत हुआ है। इसके लिए भवन व शिक्षक का अभाव है। वर्ग नवम में पहली बार नामांकन लिया गया है। विद्यालय में भवन का पूर्व से हीं अभाव है। जिससे समस्या होती है। भूमि अभाव के कारण भवन निर्माण में समस्या हो रही है।
सितेश कुमार, प्रधानाध्यापक।