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28 शिक्षकों के भरोसे 29 विषयों की हो रही है पढ़ाई, नामांकन का टोटा

 कटिहार। शहर स्थित वित्त संपोषित अनुदानित सीताराम चमरिया डिग्री कॉलेज एक साथ कई मोर्चे पर जंग रहा है। यहां छात्र-छात्राओं की ही नहीं शिक्षकों को भी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। यहां 29 विषयों की पढ़ाई की व्यवस्था है और इसके लिए वर्तमान में महज 28 शिक्षक ही कार्यरत हैं। कुल 53 शिक्षकों की और जरुरत है। अन्य संसाधन के लिहाज से समृद्ध रहने के बावजूद पठन-पाठन की स्थिति सरकारी कालेज जैसी ही है। इधर पूर्णिया विश्वविद्यालय की बेरुखी से भी कालेज जूझ रहा है। इस महाविद्यालय में सभी संकाय को मिलाकर छात्र-छात्राओं के नामांकन हेतु कुल 856 सीट है। फिलहाल यहां नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 303 है।


शिक्षकों का कहना है कि सीट के अनुसार, विवि द्वारा नामांकन के लिए आवेदन कर्ता छात्र-छात्राओं को यहां नहीं भेजा जा रहा है। बीस आदेशपाल की जरुरत है और 12 से काम चल रहा है।

1987 में हुई थी कॉलेज की स्थापना:

सीताराम चमरिया कॉलेज की स्थापना 1987 में हुई थी। यह कॉलेज अनुदानित हैं। कटिहार सदर के पूर्व विधायक स्व. सीताराम चमरिया द्वारा इसकी स्थापना की गई थी। यहां शिक्षकों का जो पद स्वीकृत है वह स्थापना काल में तय मापदंड के अनुसार है, लेकिन पूर्ण पदस्थापना अब तक नहीं हो पाई है। कार्यरत शिक्षकों को अब तक अनुदान के तौर पर ही साल में एक बार राशि दी जाती हैं।

क्लास रुम की स्थिति ठीक:

महाविद्यालय में क्लास रूम की संख्या 24 है। क्लास रुम की स्थिति कमोबेश ठीक-ठाक है। इसकी साफ-सफाई भी नियमित रुप से की जाती है। छात्राओं के लिए बने कॉमन रूम में भी समुचित व्यवस्था है। जेनरेटर की व्यवस्था भी यहां उपलब्ध है। महाविद्यालय में छात्रों के लिए परीक्षा हॉल नहीं हैं। क्लास रूम में ही छात्र-छात्राओं की परीक्षा ली जाती है। टीचर काउंटर भी नहीं हैं। छात्रावास की व्यवस्था भी नहीं है, जबकि परिसर में छात्रा व छात्र के लिए अलग अलग शौचालय की व्यवस्था है।

पुस्तकालय और खेल कैलेंडर की स्थिति:

कॉलेज परिसर में छात्रों के लिए पुस्तकालय है जिसमें आवश्यकतानुसार पांच हजार पुस्तक है। छात्रों को इसका लाभ भी मिल रहा है। खेल कैलेंडर का अनुपालन पूर्णिया विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार वार्षिक खेल कूद का आयोजन होता है। परीक्षा परिणाम भी औसतन ठीक रहता है।

क्या कहते हैं शिक्षक:

कॉलेज के शिक्षक दीपक कुमार सिंहा और स्वांकर झा ने कहा कि सीताराम चमरिया डिग्री कॉलेज में सभी संकाय में 856 सीट हैं जबकि पूर्णिया विश्वविद्यालय की उदासीनता की वजह से मात्र अभी तक 303 ही छात्र छात्राओं का नामांकन हो पाया हैं। संबंद्ध् महाविद्यालयों में एक मात्र सीताराम चमरिया डिग्री कॉलेज में आंतरिक स्त्रोत से 70 प्रतिशत से महाविद्यालयों में सभी कर्मचारी को वेतन दिया जाता है। इस स्थिति के बावजूद विश्वविद्यालय द्धारा आवंटित छात्रों की संख्या नहीं के बराबर है। इस कारण अगले साल कर्मचारियों को वेतन मिलना मुश्किल हो जाएगा। सत्र 2019-20 में नामांकन का तीस प्रतिशत राशि अब तक विश्वविद्यालय के पास है, जबकि यह राशि महाविद्यालय को भुगतान करना चाहिए।

कोट

क्या कहते हैं प्राचार्य:

प्राचार्य जयचंद्र प्रसाद साह ने कहा कि महाविद्यालय में छात्रों के कम नामांकन से शिक्षक कर्मी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी तो हैं और इसके लिए पूर्णिया विश्वविद्यालय को अवगत कराया जाता रहा है। उपलब्ध संसाधन से बेहतर कॉलेज संचालन की कोशिश की जा रही है। कॉलेज अपने कोष से कॉलेज का संचालन करने का प्रयास लगातार कर रही है। 

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