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नौ में दो शिक्षक उपस्थित, बच्चों का पता नहीं

 जमुई। दिन के बारह बज रहे हैं। दैनिक जागरण की टीम चकाई बाजार से सटे एसके हाईस्कूल में शिक्षा व्यवस्था का हाल जानने पहुंची। विद्यालय में प्रवेश करते ही मैदान में धूप का आनंद लेते तीन लोग दिखे। धूप में बैठे तीन लोगों में एक बच्चों के गार्जियन थे, जबकि दूसरे लाइब्रेरियन लोकेश कुमार झा एवं एक अन्य सुरेश कुमार जो इंग्लिश के टीचर हैं उठ खड़े हुए। पूछने पर बताया कि हेड मास्टर वीरेंद्र कुमार यादव विभागीय प्रशिक्षण के लिए मुंगेर गए हैं। वहीं प्रधान लिपिक अरविद कुमार तिवारी छुट्टी पर हैं।

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विद्यालय में नौ शिक्षकों में दो ही उपस्थित

अंग्रेजी विभाग के सुरेश कुमार एवं एक अन्य सहित मात्र दो ही शिक्षक उपस्थित थे। इन शिक्षकों के पास विद्यालय से संबंधित कोई भी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं थी। पूछने पर बताया कि दशम वर्ग में 358 विद्यार्थी नामांकित हैं। सरकार ने पढ़ाई प्रारंभ करा दी है, लेकिन शिक्षकों ने बताया कि कोरोना के चलते छात्र नहीं आ रहे हैं। शिक्षक जरूर विद्यालय आते हैं, लेकिन छात्रों के नहीं आने के कारण वर्ग संचालन नहीं हो पा रहा है।

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पानी के अभाव में बंद पड़ा है शौचालय

पानी के अभाव में विद्यालय का शौचालय बंद पड़ा था। शौचालय में पड़ी गंदगी यह बताने को काफी थी कि छात्रों और शिक्षकों को यदि शौचालय की जरूरत पड़ जाए तो उन्हें खुले में जाना मजबूरी ही होगी। विद्यालय में पहले से ही पानी का अभाव है। बोरिग के बावजूद पानी नहीं निकल पाया है। पीने के लिए जार वाला पानी उपलब्ध जरूर दिखा।

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लाइब्रेरी में हैं 3600 किताबें

विद्यालय के लाइब्रेरी में 3600 किताबें उपलब्ध है। लाइब्रेरियन लोकेश झा ने बताया कि कोरोना के पहले प्रतिदिन विद्यार्थी आते थे, लेकिन कोरोना काल से ही छात्र किताब लेने नहीं आ रहे हैं। हालांकि, लाइब्रेरियन लोकेशन झा प्रतिदिन बच्चों के आने का इंतजार करते हैं।

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पंखा और कंप्यूटर का अभाव

विद्यालय में बिजली जरूर उपलब्ध है, लेकिन अगर पंखा की बात की जाए तो लिपिक कार्यालय को छोड़कर किसी भी वर्ग कक्ष में पंखा उपलब्ध नहीं है। कंप्यूटर की पढ़ाई की बात तो दूर, बच्चों को देखने के लिए कंप्यूटर तक उपलब्ध नहीं है। विद्यालय में वायरिग दुरूस्त नहीं है। किसी तरह कमरों में तार और होल्डर के सहारे बल्ब जरूर जल रहा था।

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कई विषयों में शिक्षकों का अभाव

विद्यालय में कई विषयों में शिक्षकों का अभाव है। दशम वर्ग में भूगोल और संस्कृत के शिक्षक नहीं हैं। इसके अलावा अन्य विषयों में भी शिक्षकों की कमी है। विद्यालय में खेल शिक्षक हैं, लेकिन छात्रों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है।

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चारदीवारी नहीं रहने से हो रही परेशानी

मुख्यालय का हाईस्कूल होने के बावजूद विद्यालय में चाहरदीवारी पूर्ण नहीं है। जिससे दिन भर आवारा पशुओं का जमावड़ा विद्यालय मैदान में लगा रहता है। वहीं साइकिल शेड नहीं रहने के कारण छात्रों को परेशानी होती है।

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मधुमक्खियों के आतंक से सहमे रहते हैं शिक्षक और छात्र

विद्यालय में मधुमक्खियों के आतंक से शिक्षक और छात्र सहमे रहते हैं। विद्यालय परिसर स्थित भवन के अधिकांश कमरों के आसपास मधुमक्खियों का डेरा रहने से अक्सर मधुमक्खियों का झुंड शिक्षकों छात्रों पर हमला कर देता है। एक साल से भी अधिक समय से यहां दर्जनों की संख्या में मधुमक्खियों का समूह छत्ता लगाए हैं। जिससे पठन-पाठन और अन्य कार्यों में शिक्षकों को काफी परेशानी होती है। मधुमक्खियों को हटाने के लिए चाह कर भी विद्यालय प्रबंधन कुछ नहीं कर पाता है।

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कोट

मुझे इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है। जल्द ही विद्यालय का निरीक्षण कर वहां की स्थिति की जानकारी ली जाएगी। संसाधनों और व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा।

रवि कुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जमुई 

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