किशनगंज। प्रखंड की बड़ीजान पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय दो शिक्षक के सहारे ही चल रहा है। मिडिल स्कूल से हाईस्कूल में अपग्रेड होने के आठ साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की गई है। जिस कारण यहां नामांकित करीब 350 छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय है।
हाईस्कूल में बिल्डिग का घोर अभाव है। मात्र एक भवन है, जिसमें स्मार्ट क्लास का संचालन होता है। न बिजली पहुंची है और न ही पंखे लगे हैं। खेल मैदान तो दूर खेलकूद की घंटी भी नहीं लगती है। साथ ही कंप्यूटर का ज्ञान भी यहां बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। बच्चे पुराने भवन में ही पठन पाठन करने को मजबूर हैं। हाईस्कूल में शौचालय का सुविधा तो है लेकिन चारदीवारी नहीं होने से असुरक्षा का भाव शिक्षकों और छात्रों के बीच है।
छात्र छात्राओं ने बताया कि क्लास लेने के लिए दो शिक्षक हैं एक विज्ञान एवं एक गणित के शिक्षक हैं। विषयवार शिक्षक नहीं है मिडिल स्कूल के शिक्षकों के द्वारा ही पठन पाठन चल रहा है। शिक्षक के अभाव में हमें प्राइवेट में कोचिग का सहारा लेना पड़ता है। जिस कारण आर्थिक रूप से परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। यहां न खेल की घंटी लगती है और न ही कंप्यूटर की पढ़ाई होती है। ग्रामीण बब्लू कुमार सिन्हा, वरुण कुमार सिन्हा, प्रवीण कुमार सिन्हा, डॉ. मुन्ना मुश्ताक आदि ने बताया कि मिडिल स्कूल को 2012 में हाईस्कूल में अपग्रेड किया गया। इतने अर्से के बाद भी हाईस्कूल में शिक्षक व अन्य संसाधनों का अभाव सरकार की शिक्षा को बढ़ावा देने की परियोजना को मुंह चिढ़ाने जैसा है। अपग्रेड किए जाने के बाद एक खुशी जगी थी कि हमारे गांव समाज के बच्चों को हाईस्कूल की शिक्षा अब गांव में ही मिलेगी। इससे पहले यहां के बच्चों को हाईस्कूल शिक्षा के लिए सात से आठ किलोमीटर दूर हाईस्कूल अलता और हाईस्कूल सोन्था जाना पड़ता था। हाईस्कूल तो बन गया लेकिन बच्चों को पूर्ण रूप से हाईस्कूल शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
हाईस्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक महफूज आलम ने बताया कि हाईस्कूल में शिक्षक व अन्य संसाधनों को लेकर पूर्व में शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया है। नवमी एवं दसवीं को मिलाकर 350 छात्र-छात्राएं नामांकित है। इस बार हाईस्कूल के 126 छात्र-छात्राएं मैट्रिक परीक्षा में शामिल होंगे। हर साल मैट्रिक परीक्षा में बच्चों का रिजल्ट भी औसतन ठीक रहता है। छात्र-छात्राओं की तुलना में शिक्षक नहीं है। हाईस्कूल में मात्रा दो शिक्षक पदस्थापित हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मिडिल स्कूल के शिक्षकों के द्वारा पठन-पाठन का कार्य किया जाता है।