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40 शिक्षकों पर टिका है 10 हजार छात्रों का भविष्य

 मधेपुरा। बीएन मंडल के सबसे पुराना टीपी कॉलेज में इंटर व डिग्री से पीजी, बीएड, इग्नू व वोकेशनल कोर्स में 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कॉलेज में एक से एक उपलब्धियां हैं तो खामियां भी। विवि में

कॉलेज को नंबर वन का दर्जा प्राप्त है। कॉलेज के अधिकांश शिक्षक विवि में विभिन्न पदों पर हैं इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा। बॉटनी विषय में दो शिक्षक हैं वे भी विवि में वरीय पदाधिकारी बन बैठे हैं। बॉटनी के छात्रों की यहां पढ़ाई बाधित हो रही है। कॉलेज की खासियत यह है है कि पेंडिग रिजल्ट को छोड़ कर इंटर व डिग्री का रिजल्ट इस वर्ष शत प्रतिशत रहा। शहर का यह कॉलेज छात्र छात्राओं की पहली पसंद है। इस कॉलेज में लगभग 10 हजार छात्रों को पढ़ाने के लिए नाम मात्र 40 शिक्षक कार्यरत हैं। कॉलेज 1953 से संचालित हो रहा है। इस प्रतिष्ठित कॉलेज की भव्य बिल्डिग, चाक-चौबंद व्यवस्था छात्रों के आकर्षण का केंद्र रहता आया है। मैट्रिक पास कर छात्र बड़े उत्साह से यहां नामांकन के प्रयास में जुट जाते हैं। जिले में एक यह एकमात्र कॉलेज है, जहां इंटर से स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है। मजे की बात है कि स्नातकोत्तर तक के पढ़ाई वाले विषय में भी शिक्षक नहीं है।

यहां 15 विषयों में इंटर, डिग्री व पीजी की शिक्षा छात्र ग्रहण कर रहे हैं। हालांकि कई विषयों में शिक्षकों की कमी है। यहां स्वीकृत पदों के बनिस्पत मात्र एक तिहाई से भी कम शिक्षक कार्यरत हैं।

पुस्तकालय में है 40 हजार से अधिक पुस्तकें कॉलेज के पुस्तकालय में 40 हजार से अधिक पुस्तकें हैं, लेकिन कोरोना की भय से छात्र की उपस्थिति कम रहती है। यहां शिक्षकों के 53 पद सृजित हैं और कार्यरत नियमित शिक्षक केवल 40 हैं। यद्यपि छह अतिथि शिक्षक हाल-फिलहाल कार्यरत हुए हैं। वहीं हाल थर्ड व फोर्थ ग्रेड कर्मियों का है। यहां कर्मियों के 72 पद सृजित हैं पर कार्यरत केवल 45 हैं। खेल में कॉलेज के छात्र अव्वल खेल कैलेंडर का कॉलेज में पालन हो रहा है। खास बात यह है कि खेल में कॉलेज के छात्रों का अव्वल प्रदर्शन रहा है। कॉलेज में शौचालय की व्यवस्था सु²ढ़ है पर शुद्ध पेयजल के लिए लगा आरओ सिस्टम में अधिकांश खराब है। कॉलेज में छात्रों का नामांकन व निबंधन नियमित है। परीक्षाएं भी हो जाती है। छात्र-छात्राएं परीक्षा भी पास करते हैं। जब यूनिवर्सिटी के द्वारा खेल कैलेंडर जारी होती है, उस के मुताबिक खेल का आयोजन होता है। कॉलेज को अपना खेल मैदान भी है।

कॉलेज में खुबियां के साथ हैं खामियां भी कॉलेज में भूगोल, होम साइंस, संगीत की पढ़ाई नहीं होती है। सिर्फ प्रैक्टिकल विषय में मनोविज्ञान को पढ़ाई होती है। छात्र अधिक हैं पर शिक्षक कम है। पढ़ाई व रिजल्ट की स्थिति संतोषजनक हैं। पुस्तकालय ठीक है, सभी किताबें उपलब्ध हैं।

ग‌र्ल्स हॉस्टल कई सालों से निर्माणाधीन है। ग‌र्ल्स के लिए कॉमन रूम है पर वहां साफ-सफाई की कमी है। कॉलेज के शिक्षक का यूनिवर्सिटी में प्रतिनियोजन या पदाधिकारी बनने के कारण भी पढ़ाई पर असर पड़ा है। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी ऐसी बाध्यता करे की क्लास में आना पड़ेगा तो इसका लाभ छात्रों को मिलेगा। यद्यपि कोरोना काल व लॉक डाउन के कारण करीब आठ महीने से नियमित क्लास बंद है। ऑनलाइन क्लास चल रहा है। अभी एनएसएस प्रथम इकाई के द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन व ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन हो रहा है। कॉलेज में बीएड की मान्यता सत्र 2020-21 के लिए बहाल हो गई है। इधर, रात्रि में कॉलेज का मैन गेट पर अंधेरा छाया रहता है। कोट कॉलेज के अधिकांश शिक्षक व कर्मी विवि में पदाधिकारी के तौर पर प्रतिनियोजित हैं। इसके बावजूद समय पर क्लास का संचालन और परीक्षाएं होती रही है।

-डॉ. राजीव रंजन टीपी, कॉलेज शिक्षक व कर्मियों की कमी है। यहां ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। सभी विषय में शिक्षकों का नियमित क्लास चल रहा है। -डॉ. मिथलेश कुमार विवि के दिशा निर्देशन में यहां नियमानुसार सभी कार्यों का निष्पादन किया जाता है। कॉलेज के शिक्षक समयानुसार क्लास करते हैं। शुद्ध पेयजल के लिए आठ आरओ सिस्टम लगा हुआ है। एक तकनिकी कारणों से खराब है। उसे दो दिनों में ठीक करा लिया जाएगा। मेन गेट पर एलईडी लाइट लगाई जाएगी। -डॉ. केपी यादव, प्रधानाचार्य 

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