भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। छात्र संगठनों के विरोध बीच अब उनकी वरीयता को लेकर टीएनबी कॉलेज के पूर्व प्रशाखा पदाधिकारी अमरेंद्र झा ने गंभीर सवाल उठाया है। उनका दावा है कि टीएमबीयू के पीजी विभागों और कॉलेजों में शिक्षकों की वरीयता सूची में डॉ. चौधरी 278वें नंबर हैं। एक नंबर पर मानविकी के डीन प्रो. बहादुर मिश्र हैं।
बता दें कि डॉ. मिश्र ने भी डॉ. चौधरी को प्रभार मिलने के बाद राजभवन को अपनी आपत्ति दी थी। उन्होंने राजभवन को लिखा था कि वरीयता क्रम में पहले नंबर पर रहने के कारण कुलपति का प्रभार उन्हें मिलना चाहिए था। इस आपत्ति का अब तक जवाब नहीं आया है। वहीं, पूर्व प्रशाखा पदाधिकारी कहा है कि टीएमबीयू में करीब 390 शिक्षक हैं, जिनमें 278 शिक्षक पुराने हैं, जबकि 112 शिक्षकों ने कुछ दिनों पूर्व ही विश्वविद्यालय में योगदान दिया है। इस संबंध में पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. क्षेमेंद्र सिंह ने कहा था कि नियम के तहत किसी भी विश्वविद्यालय के सबसे वरीय शिक्षक को ही प्रभारी कुलपति बनाया जाता है। इसके तहत ही उन्हें टीएमबीयू का प्रभार सौंपा गया था। कभी भी कनीय और कॉलेज प्राचार्य को विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति नहीं बनाया गया है। यह विश्वविद्यालय परिनियम के विपरीत है।
इस संबंध में प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो पाई। हालांकि पूर्व में भी उन्होंने कहा है कि छवि धूमिल करने के लिए कुछ लोग लगे हुए हैं। उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।