जमुई। बालिका शिक्षा के प्रति सरकार व मुख्यमंत्री की गंभीरता के बावजूद जिले का एकमात्र महिला कॉलेज का सरकारीकरण नहीं हो सका है वहीं, अनुदान की राशि भी नहीं मिल पाई है। बावजूद मुख्यालय स्थित श्यामा प्रसाद सिंह महिला महाविद्यालय का प्रबंधन व व्यवस्था नजीर प्रस्तुत कर रहा है। शिक्षकों की कमी के बावजूद कुशल प्रबंधन का उदाहरण पेश कर रहा है।
गुरुवार सुबह कॉलेज परिसर में प्रवेश करते ही माहौल पाठन-पाठन का दिखा। कुछ बच्चियां स्नातक में नामांकन लेने पहुंची थी। पूछने पर पठन-पाठन व्यवस्था संतोषप्रद होना बताया। प्रयोगशाला में कुछ बच्चियों को उपकरण की जानकारी दी जा रही थी। लैब इंचार्ज चंद्रशेखर जानकारी दे रहे थे। हालांकि अन्य कॉलेज की तरह इस कॉलेज में भी शिक्षकों की कमी बताई गई।
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24 विषय में मिला है संबंधन
प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि कला के 18 विषय में स्नातक का संबंधन मिला है, जबकि साइंस संकाय में छह विषय में अस्थाई संबंधन मिला है।
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81 स्वीकृत पद, 37 कार्यरत
कॉलेज में शिक्षकों के 81 पद स्वीकृत हैं। फिलहाल 37 शिक्षक की कार्यरत हैं। बताया गया कि मानक के अनुसार हर विषय में तीन शिक्षक होने चाहिए, लेकिन उतने नहीं है। इंटर से लेकर स्नातक तक 35 सौ के करीब छात्राएं नामांकित हैं। शिक्षकों की कमी के कारण कुछ विषयों के पठन-पाठन में परेशानी होती है। एक ही शिक्षक को कई-कई क्लास लेना पड़ता है। 24 तृतीय वर्गीय कर्मचारी व 13 चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी कार्यरत हैं।
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जिले का एकमात्र है महिला कॉलेज
यह कॉलेज जिले का एकमात्र महिला कॉलेज है। वितरहित होने के कारण कर्मचारी और शिक्षकों को अनुदान के आधार पर पैसा मिलना चाहिए, लेकिन बताया गया कि इस कॉलेज को अनुदान की राशि नहीं मिली है। नतीजतन शिक्षक व कर्मचारी अवैतनिक कार्य करते हैं। कर्मचारी और शिक्षकों ने बताया कि वे सेवा भाव से शिक्षा का दान कर रहे हैं। हमारी बेटी शिक्षित होकर सफलता अर्जित करती है, यही हमारे लिए पारिश्रमिक है। हालांकि आर्थिक परेशानी तो झेलनी ही पड़ती है।
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83.3 फीसद है पासिग परसेंट
कॉलेज में पासिग परसेंट 83.3 फीसद है। इसमें 40 फीसद प्रथम श्रेणी व शेष द्वितीय श्रेणी पाते हैं। मुंगेर विश्वविद्यालय के तहत स्नातक में शैक्षणिक सत्र 18-21 में 364 छात्राएं बीए, शैक्षणिक सत्र 19-22 में बीए में 12 सौ और 37 साइंस संकाय में नामांकित हैं। भागलपुर विश्वविद्यालय अंतर्गत पार्ट टू व थ्री में 240 व 181 नामांकित हैं।
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पुस्तकालय व खेलकूद की व्यवस्था
बताया गया कि स्थानीय लोगों के सहयोग से पुस्तकालय स्थापित किया गया। फिलवक्त 8 हजार से अधिक किताब पुस्तकालय में उपलब्ध हैं। लाइब्रेरियन भी है। प्रयोगशाला की स्थापना में भी स्थानीय लोगों ने सहयोग किया है। कॉलेज परिसर में ही बैडमिटन का कोट दिखा। बताया कि इंडोर में टेबल टेनिस की भी व्यवस्था है। कॉमन रूम और शौचालय, पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है।
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शिक्षकों ने कहा
मनोविज्ञान शिक्षक मनोज कुमार व समाज शास्त्र की शिक्षिका सुचिता उपाध्याय ने बताया कि शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन में परेशानी होती। वेतन नहीं मिलने से आर्थिक परेशानी भी होती है, लेकिन पढ़ाने का शोक है। आत्मसंतुष्ठि मिलती है कि समाज के लिए कुछ कर रहें हैं।
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कोट
कर्मचारी बिना वेतन काम कर रहें हैं। अनुदान की राशि भी नहीं मिली है। शिक्षकों की कमी को आपसी तालमेल से दूर किया जाता है। वैसे इस संबंध में विश्वविद्यालय को सूचित किया गया है।
डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, प्राचार्य, श्याम प्रसाद सिंह महिला महाविद्यालय, जमुई
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शिक्षकों की स्थिति एक नजर में
विभाग--स्वीकृत पद --कार्यरत
इतिहास-- 3----3
राजनीति शास्त्र--3---1
समाजशास्त्र--3---3
अर्थशास्त्र--3---1
हिदी--5----2
संस्कृत--5---1
उर्दू--5---1
मनोविज्ञान--3---3
गृहविज्ञान--3---1
भुगोल--3---2
संगीत--3---1
अंग्रेजी--5---0
दर्शनशास्त्र--3---1
गांधी विचार--3---1
ग्रामीण अर्थव्यवस्था--3---1
प्राचीन इतिहास--3---1
श्रम एवं समाज कल्याण--3---1
मैथिली--3---1
भौतिकी--3---2
रसायन--3---3
जंतुविज्ञान--3---2
वनस्पति--3---2
गणित--3---1