छठे चरण के शिक्षक नियोजन में उन एसटीईटी अभ्यर्थियों को मौका नहीं
मिलेगा, जो 2015 के बाद प्रशिक्षित हुए हैं। इन अभ्यर्थियों को छठे चरण के
नियोजन से बाहर कर दिया गया है।
पटना जिला नियोजन कार्यालय की मानें तो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के छठे चरण के नियोजन में 2015 तक प्रशिक्षित होने वाले अभ्यर्थियों को ही मौका दिया जायेगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने एक पत्र निकाल कर सभी शिक्षक नियोजन कार्यालय में भेज दिया है। पत्र की मानें तो बिहार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2011 में यह निदेशित था कि राज्य के अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को पांच साल के अंदर प्रशिक्षित हो जाना है। अब जिन अभ्यर्थियों ने 2015 के बाद प्रशिक्षण लिया है वो छठे चरण के शिक्षक नियोजन से बाहर हो जाएंगे।
हजारों अभ्यर्थियों पर पड़ेगा इसका असर : शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद अभ्यर्थी परेशान हैं, क्योंकि इसका असर दस हजार से अधिक अभ्यर्थियों पर पड़ेगा।
ज्ञात हो कि 2011 में माध्यमिक से 45 हजार और उच्च माध्यमिक से लगभग 25 हजार अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। इनमें से 50 फीसदी अप्रशिक्षित थे। ज्यादातर अभ्यर्थी 2015 के बाद ही प्रशिक्षण ले पाए। अभ्यर्थी मंगल देव ने बताया कि प्रदेश भर में ट्रेनिंग कॉलेज की संख्या बहुत कम है। ऐसे मे प्रशिक्षण लेने में समय लग गया।
तीन बार शिड्यूल में हुए बदलाव: छठे चरण के नियोजन के लिए अब तक तीन बार शिड्यूल बदल चुका है। सितंबर से दिसंबर तक तीन बार शिड्यूल बनाया गया। लेकिन न तो औपबंधिक मेधा सूची जारी हुई और न ही अंतिम मेधा सूची ही बनी। जबकि छठे चरण के लिए सैकड़ों अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं। पटना नगर निगम और जिला परिषद के लिए अब तक चार हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
पटना जिला नियोजन कार्यालय की मानें तो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के छठे चरण के नियोजन में 2015 तक प्रशिक्षित होने वाले अभ्यर्थियों को ही मौका दिया जायेगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने एक पत्र निकाल कर सभी शिक्षक नियोजन कार्यालय में भेज दिया है। पत्र की मानें तो बिहार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2011 में यह निदेशित था कि राज्य के अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों को पांच साल के अंदर प्रशिक्षित हो जाना है। अब जिन अभ्यर्थियों ने 2015 के बाद प्रशिक्षण लिया है वो छठे चरण के शिक्षक नियोजन से बाहर हो जाएंगे।
हजारों अभ्यर्थियों पर पड़ेगा इसका असर : शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद अभ्यर्थी परेशान हैं, क्योंकि इसका असर दस हजार से अधिक अभ्यर्थियों पर पड़ेगा।
ज्ञात हो कि 2011 में माध्यमिक से 45 हजार और उच्च माध्यमिक से लगभग 25 हजार अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। इनमें से 50 फीसदी अप्रशिक्षित थे। ज्यादातर अभ्यर्थी 2015 के बाद ही प्रशिक्षण ले पाए। अभ्यर्थी मंगल देव ने बताया कि प्रदेश भर में ट्रेनिंग कॉलेज की संख्या बहुत कम है। ऐसे मे प्रशिक्षण लेने में समय लग गया।
तीन बार शिड्यूल में हुए बदलाव: छठे चरण के नियोजन के लिए अब तक तीन बार शिड्यूल बदल चुका है। सितंबर से दिसंबर तक तीन बार शिड्यूल बनाया गया। लेकिन न तो औपबंधिक मेधा सूची जारी हुई और न ही अंतिम मेधा सूची ही बनी। जबकि छठे चरण के लिए सैकड़ों अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं। पटना नगर निगम और जिला परिषद के लिए अब तक चार हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं।