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नानी-दादी की नहीं खलेगी कमी, कहानी सुनाएगा टॉल फ्री नंबर

 अररिया: आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में बच्चों को नानी-दादी की कमी नहीं खलेगी। टॉल फ्री नंबर डॉयल करते ही वह कहानी सुनाएगा। बच्चों के उपस्थिति और ठहराव सुनिश्चित करने के लिए कहानियों का सहारा शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लेंगे।
इसके लिए नीति आयोग की सहयोगी संस्था पीरामल फाउंडेशन की ओर से टॉल फ्री नंबर पर जाना होगा। यह नंबर 180030026797 है। वहीं कर्नाटक में गत महीने उच्च स्तरीय बैठक की जानकारी देते हुए भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ, दिलीप कुमार ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीति बताई है। वहीं जिला अधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि टोल फ्री नंबर दो दिन पहले जारी कर दिया गया है। इस नंबर को डायल करके बच्चे नई -नई कहानियां रोचक अंदाज में सुन सकेंगे । गौरतलब है कि छोटे बच्चों में कहानी सुनने की स्वाभाविक ललक होती है। ये कहानियां बच्चों को पसंद आएगी और कहानी सुनने की इच्छा लिए वे विद्यालय में आना चाहेंगे। इन कहानियों के जरिए न केवल ज्ञान संवर्धन में मदद मिलेगी बल्कि इसके साथ- साथ भाषा पर पकड़ बनाने का उद्देश्य भी सफल होगा। नीति आयोग-पीरामल फाउंडेशन कार्यक्रम के सीनियर प्रोग्राम लीडर अभिषेक रंजन ने बताया कि अररिया के आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में पाठ्यक्रम के अलावा व्यक्तिगत विकास पर केंद्रित कार्य में यह पहल उपयोगी साबित होगी। इसमें एक तरह की कहानी सभी बच्चों के लिए होगी, जिससे आपस में बैठकर सब चर्चा करेंगे। यह टॉल फ्री नंबर दिन में 9 बजे से 5 बजे तक सक्रिय रहेगा, जिसपर एक बार से ज्यादा भी कॉल किया जा सकता है।फिलहाल यह टॉल फ्री नंबर बच्चों के लिए जारी किया गया है, जिसमें नबंर पर कॉल करने पर 6 डॉयल करने पर ऑप्शन आएगा, जिसमें कहानी के लिए 1 टाइप करने होंगे। उम्मीद है इस पहल से अनुपस्थिति और ठहराव की समस्या से निजात पाने में शिक्षकों को सहायता मिलेगी। आने वाले समय में यह टॉल फ्री नंबर प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, सलाहकारों के लिए भी उपलब्ध होगा, जहां वे अपनी जरूरतों के लिए इस वर्चुअल मंच का इस्तेमाल कर सकेंगे। विदित है कि नीति आयोग अररिया सहित देश के 115 अत्यंत पिछड़ों जिलों के विकास के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, कृषि एवं आर्थिक विकास पर केंद्रित है।

-----कोट---------
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व बाजार की नब्ज को टटोल चुके हैं। जापान, अमेरिका और यूरोप के देशों की 75 फीसदी आय सेवा क्षेत्र से हैं जबकि इनकी जनसंख्या विश्व की जनसंख्या की मात्र 25 फीसदी है। विश्वबाजार में सेवा क्षेत्र की अभूतपूर्व मांग है। इसमें भी बच्चों से संबंधित मनोरंजन का अच्छा-खासा बाजार है। टॉल फ्री नंबर विश्व की ऐसे बाजार से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। इससे भारतीय साहित्यकारों के सेवा भी घर-घर पहुंच सकेगी।

---डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, प्रदेश कोषाध्यक्ष भाजपा, बिहार।

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