पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार मद्य निषेध कानून
में बदलाव करेगी. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों की टीम इसकी
समीक्षा कर रही है. टीम की रिपोर्ट के बाद महाधिवक्ता और इस मामले को देख
रहे वरीय अधिवक्ता की राय के बाद इसमें आवश्यक संशोधन होगा. सुप्रीम कोर्ट
ने भी अनुमति दे दी है.
साथ ही मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि शराबबंदी लागू रहेगी. हम समाज को
नशामुक्ति की ओर ले जाने की दिशा में जागरूक कर रहे हैं. मद्य निषेध कानून
का दुरुपयोग नहीं हो, इस ओर भी ध्यान दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री सोमवार
को लोक संवाद के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्य में मद्य निषेध कानून लागू हुआ, उसी
समय से इसकी समीक्षा हो रही है. कानून के बाद भी कुछ लोग गड़बड़ कर रहे
हैं. सरकार कार्रवाई भी कर रही है. जिस शराबबंदी लागू रहेगी... समय कानून
बना था, उस समय सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई. आम लोगों से राय ली
गयी. सुधार और बदलाव की गुंजाइश तो हमेशा रहती है. जिस समय से कानून बना
है, उसी समय से इसका अध्ययन हो रहा है.
चार दिन पहले भी इसकी समीक्षा हुई थी. शराबबंदी से लोगों को लाभ मिल
रहा है. कुछ राज्यों में शराबबंदी लागू है, लेकिन बिहार का प्रयोग अलग है.
लोगों में संतोष है.
मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य फसल समावेशी
योजना का मकसद केंद्र की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को नकारना नहीं है,
बल्कि राज्यहित में लिया गया निर्णय है. किसानों को कोई प्रीमियम नहीं
देना है.
इससे गैर ऋणी किसानों को भी लाभ होगा. इसे खरीफ में लागू किया गया है.
खरीफ के बाद अन्य फसलों में भी इसे लागू किया जायेगा. एक प्रश्न के उत्तर
में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के किसानों की सहायता के लिए तत्पर
है. अभी चार जिलों के किसानों को इनपुट अनुदान जैविक सब्जी की खेती के
लिए दिया जा रहा है. इसे पूरे राज्य में अन्य फसलों में भी लागू किया
जायेगा.
बाढ़ क्षति में मांग के अनुसार केंद्र से सहायता नहीं मिलने पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने केंद्रीय वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के
समक्ष उन्होंने अपनी बात रख दी है. सरकार ने बाढ़पीड़ितों को पूरी सहायता
दी थी. सूखा राशन से लेकर 28 लाख लोगों को छह- छह हजार नकद सहायता भी दी
गयी थी.
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटर और मैट्रिक की
परीक्षा में और सुधार की जरूरत है. सिस्टम बेहतर हो. मुख्यमंत्री ने कहा
मल्लाह, निषाद सहित इनकी उपजातियों को जनजाति में शामिल करने के लिए
केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है.
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में आईएएस- आईपीएस
अधिकारियों की भारी कमी है. हम खुद कई जिला व अनुमंडल बनाना चाहते हैं,
लेकिन अधिकारियों की कमी के कारण नहीं कर पा रहे हैं. हम आरक्षण के पक्षधर
है. केंद्र ने संयुक्त सचिव स्तर पर जो निर्णय लिया है, उसे पूरी तरह समझ
लेने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है.
कांग्रेस के समय ही सीट कम कर दी गयी थी. प्रधानमंत्री की जान पर
खतरा संबंधी मामले में कहा कि इसकी जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी है. वह
जांच कर रही होगी.
प्रेस कॉन्फेंस में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री
बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन
प्रसाद वर्मा, भूमि सुधार एवं भूराजस्व मंत्री राम नारायण मंत्री मौजूद
थे.
खैनी पर प्रतिबंध को लेकर नहीं हुआ है कोई निर्णय
खैनी पर प्रतिबंध के बारे में मुख्यमंत्री ने साफ कहा अभी इस तरह का
कोई निर्णय नहीं लिया गया है. समाज को नशामुक्ति की ओर ले जा रहे हैं.
किसानों को वैकल्पिक खेती के बारे में प्रेरित किया जा रहा है. जिनकी
आजीविका शराब से चलती थी, उन्हें भी वैकल्पिक रोजगार दिया जा रहा है.
एनडीए में कोई मतभेद नहीं, सीटों की बात चुनाव के समय
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए में कोई विवाद नहीं है. हम मिलकर सरकार
चला रहे हैं. हर पार्टी अपना- अपना काम कर रही है. सीट शेयरिंग या चुनाव
से संबंधित कोई बात चुनाव के समय होगी. अभी साथ मिलकर काम कर रहे हैं. कुछ
लोग प्रचार के लिए बयानबाजी करते रहते हैं.
राइट टू एजुकेशन के प्रभाव की जांच के लिए बनाएं कमेटी
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके
महाजन को निर्देश दिया कि राइट टू एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों को जो राशि
दी जा रही है, उसके असर की जांच के लिए का एक्सपर्ट लोगों की कमेटी बनाएं.
कमेटी यह देखें कि इन स्कूलों के शिक्षकों को कितना वेतन मिल रहा है.
सरकारी स्कूलों में एक विद्यार्थी पर सरकार कितना खर्च करती है. सोमवार को
लोक संवाद में गया के राहुल कुमार के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने यह निर्देश
दिया.
करीब चार महीने के बाद लोक संवाद का आयोजन हुआ था. दर्जन भर से अधिक
लोगों ने सुझाव दिये. कई सुझावों को मुख्यमंत्री ने सराहा. गया के राहुल
कुमार का कहना था कि निजी स्कूलों में राइट ट एजुकेशन के तहत सरकार राशि भी
देती है, फिर भी निजी स्कूल वाले बस किराये के नाम पर बच्चों से पैसा
लेते हैं.
इसके चलते वे स्कूल नहीं जा पाते. मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा
विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने बताया कि राइट टू एजुकेशन के तहत साल
2016-17 में 49,065 बच्चों का नामांकन हुआ. सरकार प्रति बच्चा 6,569 रुपये
के हिसाब से इन स्कूलों को भुगतान करती है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि
इसमें समतावादी दृष्टिकोण अपनाना होगा.
15 अगस्त तक पूरा करें आॅनलाइन म्यूटेशन का काम
मुख्यमंत्री ने कहलगांव, भागलपुर के राजेश कुमार के भूमि विवाद व
म्यूटेशन संंबंधी सुझाव पर भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 15 अगस्त तक सभी अंचलों में आॅनलाइन
म्यूटेशन का काम पूरा हो जाना चाहिए.
प्रधान सचिव ने सितंबर तक पूरा करने की बात कही थी. मुख्यमंत्री ने
कहा कि इस समय राज्य में बाढ़ या सुखाड़ कीस्थिति रहती है. प्रशासन की
प्राथमिकता राहत पहुंचाने की होती है. अभी राज्य के 186 अंचलों में
आॅनलाइन म्यूटेशन हो रहा है
मुख्यमंत्री ने निबंधन एक्ट में भी सुधार व बदलाव करने को कहा.
उन्होंने कहा कि पारिवारिक बंटवारे में निबंधन शुल्क न्यूनतम होना चाहिए.
राज्य में भूमि विवाद बड़ी समस्या है इसके चलते केसों की संख्या भी बढ़ती
है. सहरसा के दामोदर राम ने एससी-एसटी आवासीय स्कूलों को लेकर सुझाव दिया.
इस पर संबंधित विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि इन स्कूलों के लिए 2169
शिक्षक ओर 1400 गैर शिक्षक कर्मचारियों के पद सृजित हो गये हैं.
पटना के अमिरुल हक ने मैट्रिक की परीक्षा में निजी एजेंसी के माध्यम
से निबंधन कराने व शिक्षकों की कमी का मामला उठाया. इस पर बताया गया कि
रिटायर्ड शिक्षकों को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त किया जा रहा है. साथ
ही कहा गया कि निजी एजेंसी के माध्यम से निबंधन का काम नहीं होगा.
एमएड में नामांकन के लिए संयुक्त परीक्षा
सहरसा के प्रमोद वर्मा के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को
निर्देश दिया कि बीएड की तरह ही एमएड में नामांकन के लिए सिंगल संयुक्त
परीक्षा लें.
कटिहार के जयकृष्ण भारती ने कृषि यांत्रिकीकरण में कीमत का मुद्दा
उठाया. पूर्णिया के यासिन अराफात ने रजिस्ट्री स्टांप से संबंधित सुझाव
दिया. इस संबंध में बताया गया कि एक माह में सभी निबंधन कार्यालय में
ई-स्टांप की व्यवस्था हो जायेगी.
दरभंगा के केशव कुमार के सुझाव पर जिला स्तर पर नये उद्यमियों के लिए
कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा गया. कटिहार के रोशन अग्रवाल के सुझाव
पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक में महिला
प्रतिनिधि खुद मौजूद रहे. साथ ही जो साक्षर नहीं हैं, उन्हें साक्षर बनाया
जाये.
जेनेरिक दवा को करें प्रमोट
मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के जितेंद्र कुमार के सुझाव पर स्वास्थ्य
विभाग को निर्देश दिया कि जेनेरिक दवा को प्रोत्साहित करें. एप के माध्यम
से इसकी निगरानी हो. जितेंद्र कुमार ने निजी जांच घरों का रेट तय करने का
सुझाव दिया था.
इस पर बताया गया कि प्रखंड स्तर पर जांच की सुविधा है. एमबीबीएस
डाॅक्टरों को ट्रेनिंग देकर अल्ट्रासाउंड की सुविधा को बेहतर किया जा रहा
है. ओपीडी में आॅनलाइन निबंधन के संबंध में बताया गया कि विभाग इसको भी
देखेगा. मुख्यमंत्री ने सभी पीएचसी में सामान्य भाषा में मुख्यमंत्री
चिकित्सा राहत कोष के बारे में प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया.
लोक संवाद में इन विभागों पर लोगों ने दिये सुझाव
लोक संवाद कार्यक्रम में आधारभूत संरचना एवं उद्योग (सड़क, भवन,
बिजली, पेयजल, सिंचाई आदि) प्रशासनिक व्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थाएं,
मानवाधिकार (पुलिस, सामान्य प्रशासन, पंचायती राज संस्था आदि) एवं सामाजिक
प्रक्षेत्र (स्वास्थ्य, शिक्षा कल्याण आदि) विभाग से संबंधित मामले पर
लगभग 17 लोगों ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिये.
इन लोगों ने दिया सुझाव
लोक संवाद कार्यक्रम में भागलपुर के राजेश कुमार, बक्सर के राज
कुमार पांडेय, सहरसा के दामोदर राम, फुलवारीशरीफ, पटना के अमिरुल हक, गया
के राहुल कुमार, नालंदा के विनय कुमार, सहरसा के प्रमोद कुमार वर्मा,
सुपौल के अालोक कुमार, मधेपुरा के फारूक सिद्दीकी, मधेपुरा के जयकृष्ण
भारती, पटना के अंकुर कुमार, दरभंगा के केशव कुमार झा, मुजफ्फरपुर के
जीतेंद्र कुमार और कटिहार के रोशन अग्रवाल .
ये थे मौजूद
लोक संवाद कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा
मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, जल संसाधन
मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय,
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद मंत्री, भूमि राजस्व सुधार मंत्री राम
नारायण मंडल, पंचायतीराज मंत्री कपिल देव कामत, परिवहन मंत्री संतोष
निराला, मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी केएस द्विवेदी, मुख्यमंत्री के
सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय
अनुपम कुमार, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष
कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह मौजूद थे.