इसके लिए विवि प्रशासन बीएड काॅलेजों की जांच करेगी और राजभवन रिपोर्ट भेजेगी. राजभवन ने निर्देश दिया है कि संबद्धता के लिए बीएड काॅलेजों को यह अंडरटेकिंग कर देना होगा कि उनके यहां भूमि, भवन और शिक्षक हैं और यह राजभवन और सरकार के निर्देशों के अनुरूप है.
राजभवन ने विवि प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह बीएड काॅलेजों
के लोकेशन की भी जांच करे. यह भी देखा जायेगा कि बीएड काॅलेजों में कितने
छात्र जाते हैं और कितनी की काॅलेज तक पहुंच है.
साथ में काॅलेेज में प्रैक्टिकल की स्थिति, लाइब्रेरी, कार्यालय और
टीचिंग प्रैक्टिस की भी जांच की जायेगी. इन रिपोर्ट के जाने के बाद बीएड
काॅलेजों को अस्थायी संबद्धता दी जायेगी. राजभवन यह भी देखेगा कि बीएड
काॅलेज में कितनी कक्षाएं हो रही हैं. कितने छात्र रोज कक्षा में मौजूद रह
रहे हैं. काॅलेज इंस्पेक्टर को लगातार बीएड काॅलेजों की निगरानी करनी होगी.
राजभवन ने विश्वविद्यालय से 15 दिनों में सभी बीएड काॅलेजों की
जानकारी मांगी है. इसके लिए राजभवन ने एक फाॅर्मेट भी विवि को भेजा है. इस
फाॅर्मट में प्राचार्य से लेकर शिक्षक तक का ब्योरा जायेगा. इसमें शैक्षिक
योग्यता भी राजभवन को भेजी जायेगी.
राजभवन को क्या-क्या देनी है जानकारी: प्राचार्य की पीजी में मार्क्स,
शैक्षिक अनुभव, शिक्षक के पीजी में नंबर, अनुभव के साथ तीन फोटो, बीएड
काॅलेज में वर्ष 2016-17 में कितने बच्चे थे और 2017-18 में कितने बच्चे
थे, शिक्षकों की संख्या, भवन कितने वर्ग फुट में है.