पटना : बिहार में
टाॅपर घोटाले के बाद नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर
धांधली का मामला सामने आया है. राज्य में नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की
जांच निगरानी ब्यूरो कर रहा है, जिसमें बड़े स्तर पर धांधली सामने आ रही
है. प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के तीन लाख 65 हजार 152
शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच चल रही है. इसमें अब तक 405 फर्जी शिक्षक
सामने आ चुके हैं. इनके खिलाफ निगरानी ने अब तक 161 एफआइआर दर्ज कर चुका
है. जांच के दौरान 417 फर्जी सर्टिफिकेट बरामद हो चुके हैं. हालांकि जांच
अभी जारी है. जांच पूरी होने के बाद ही बड़े स्तर पर फर्जी सर्टिफिकेट के
आधार पर बहाली का मामला सामने आयेगा. शिक्षकों के अलावा विभिन्न स्तर की
करीब 40 नियोजन इकाइयों पर मामला दर्ज किया जा चुका है. इन नियोजन इकाइयों
ने शिक्षकों से पैसे लेकर गलत सर्टिफिकेट के आधार पर लोगों की बहाली कर
ली है. जांच में इस तरह की तमाम गड़बड़ी बड़े स्तर पर सामने आ रही है.
नियोजित शिक्षकों की जांच में नियोजन
इकाइयां और जिला शिक्षा कार्यालय भी शिक्षकों के फोल्डर या जिन कागजातों पर
उनकी बहाली की गयी है, वह देने में आनाकानी कर रहे हैं. प्रारंभिक स्तर पर
शिक्षकों के फोल्डर नहीं देने वालों की संख्या ज्यादा है. तीन लाख 23 हजार
386 शिक्षकों में अभी तक निगरानी को महज एक लाख 89 हजार 194 शिक्षकों के
ही फोल्डर मिले हैं. इस वजह से भी जांच की रफ्तार तेज नहीं हो पा रही है.
उच्चतर माध्यमिक और माध्यम स्तर के
शिक्षकों की जांच तकरीबन पूरी हो गयी है. वर्तमान में प्रारंभिक स्तर के
नियोजित शिक्षकों की जांच चल रही है. सबसे ज्यादा गड़बड़ी वाले जिलों में
पटना, जहानाबाद, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा, पूर्वी चंपारण,
समस्तीपुर, भागलपुर, खगड़िया, किशनगंज समेत अन्य जिले शामिल हैं.
शिक्षकों पर कार्रवाई की स्थिति
शिक्षकों की संख्या एफआइआर आरोपित शिक्षक
उच्चतर माध्यमिक 11787 52 129
माध्यमिक 27897 37 55
लाइब्रेरियन 2082 6 13
प्रारंभिक 323386 66 208
33166 शिक्षकों का नहीं मिला सर्टिफिकेट
- उच्चतर माध्यमिक 5769
- माध्यमिक 26135
- लाइब्रेरियन 1262
- प्रारंभिक 0