शिक्षक नहीं हैं. छात्र स्कूल नहीं आते
हैं. बिना शिक्षक के सिलेबस कैसे पूरा होगा. बिहार में अब स्कूल प्रशासन के
ये बहाने नहीं चलेंगे. 2017 में मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट स्कूलों को हर
हाल में बेहतर करना होगा. प्रदेश भर के स्कूलों को शिक्षा विभाग ने आदेश
दिया है कि सभी को कम-से-कम 60 फीसदी तक रिजल्ट करना है. इसके लिए स्कूल
अभी से अपनी तैयारी कर लें. जिन स्कूलों का रिजल्ट 60 फीसदी से कम होगा,
वहां के प्राचार्य को पहले कारण बताओ नोटिस दिया जायेगा. इसके बाद
अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जायेगी. इसको लेकर तमाम जिला शिक्षा कार्यालय
को निरीक्षण करने का आदेश भी शिक्षा विभाग ने दिया है. तमाम जिला शिक्षा
कार्यालय ने स्कूलों को जल्द-से-जल्द सिलेबस पूरा करने का आदेश दिया है.
सिलेबस पूरा होने के बाद रिविजन क्लास भी स्कूलों को करना है. इसके लिए अगर
स्कूलों को अपनी छुट्टियां भी रद्द करनी पड़े तो कर लें. जिला शिक्षा
कार्यालय के अनुसार जनवरी प्रथम सप्ताह में स्कूल खुलने के बाद नियमित के
अलावा स्पेशल क्लास चलाये जायेंगे. किसी भी विषय का सिलेबस अधूरा नहीं रखने
का आदेश विभाग ने दिया है.
हाजिरी और सिलेबस पूरा होने की होगी जांच :
किस स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कितनी है, कितने स्पेशल क्लास चलाये
गये, स्कूल ने सिलेबस को पूरा किया या नहीं, इन तमाम चीजों की जांच हर जिला
शिक्षा कार्यालय की ओर से मैट्रिक परीक्षा के बाद किया जायेगा. विभाग की
मानें तो स्कूल स्तर पर ही कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार
करना है. जब छात्र का सिलेबस और पढ़ाई पूरा होगा, तो वे नकल के भरोसे नहीं
रहेंगे और स्कूल का रिजल्ट बेहतर हाेगा.
60 फीसदी स्कूल का रिजल्ट 10 से 20 फीसदी के बीच
माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद
सिंह रंजन ने कहा कि 2016 में मैट्रिक परीक्षा में पास करनेवालों से फेल
करनेवाले परीक्षार्थियों की संख्या अधिक थी. प्रदेश भर में बड़ी संख्या में
ऐसे स्कूल थे जिनका रिजल्ट जीरो फीसदी था. इनमें से उन स्कूलों की संख्या
अधिक है, जिन्हें अनुदान की राशि सरकार की आेर से दी जाती है. 2017 की
मैट्रिक परीक्षा में स्कूलों को 60% तक रिजल्ट करना है. इसके लिए स्कूलों
को छात्राें को तैयार करना है.
मार्कसीट और सर्टिफिकेट के साथ आन्सर शीट भी मिलेगी
अब मैट्रिक व इंटरमीडिएट परीक्षा पास
करनेवाले परीक्षार्थियों को अंकपत्र व सर्टिफिकेट के साथ ही उत्तर पुस्तिका
भी उपलब्ध करायी जायेगी. बिहार बोर्ड ने इसे मैट्रिक और इंटर की
कंपार्टमेंटल परीक्षा के रिजल्ट से ही लागू कर दिया है. कंपार्टमेंटल
परीक्षा का फाॅर्म भरने के समय जिन परीक्षार्थियों ने अपना आधार नंबर और
इ-मेल आइडी बोर्ड ऑफिस को उपलब्ध करवाया है, उन्हें उत्तर पुस्तिका उपलब्ध
करवा दी जायेगी. इसकी तैयारी बोर्ड ने शुरू कर दी है. एक सप्ताह के अंदर
परीक्षार्थियों के अंकपत्र, सर्टिफिकेट के साथ उत्तर पुस्तिका की साॅफ्ट
कॉपी भी डिजिटल लॉकर में डाल दी जायेगी. डिजिटल लॉकर के अलावा बोर्ड
परीक्षार्थियों के इ-मेल पर भी उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करायेगा.
महीनों लग जाते हैं उत्तर पुस्तिका जुटाने में :
किसी भी परीक्षार्थी को सूचना के अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका मांगने पर
बोर्ड को परेशानी होती है. आवेदन आने के बाद मूल्यांकन केंद्रों से उत्तर
पुस्तिका लाने में काफी दिन लग जाते हैं. ऐसे में परीक्षार्थियों की शिकायत
होती है कि उन्हें समय पर सूचना नहीं मिलती है. कई बार सूचना आने के बाद
छात्र सूचना लेने नहीं आते हैं. कई सालों से उत्तर पुस्तिका ऐसे ही बोर्ड
कार्यालय में पड़ी हुई है. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा िक कई
बार परीक्षार्थी अपने अंक से संतुष्ट नहीं होते हैं. ऐसे में वे अपनी
उत्तर पुस्तिका की मांग सूचना के अधिकार के तहत करते हैं. इसके मद्देनजर अब
उत्तर पुस्तिका को परीक्षार्थियों के मेल आइडी पर भेज दिया जायेगा. इससे
परीक्षार्थी अपना आकलन खुद कर पायेंगे.