सारण। प्रारंभिक
शिक्षकों के नियोजन की जांच कर रही निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को नियोजन में
बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। जिसको देखकर विजिलेंस भी चौंक गई है। सारण
जिले में मात्र दो प्रखंड मांझी व मशरख प्रखंड में करीब 1195 शिक्षकों का
मेधा सूची ही नियोजन इकाई ने जमा नहीं किया है।
जिससे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन शिक्षकों की नौकरी पर पर भी ग्रहण लग गया है। मशरख व मांझी के विभिन्न पंचातयों द्वारा मेधा सूची नही दी गई तो इनकी नौकरी खतरे में पर जाएगी। विजिलेंस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मांझी व मशरख प्रखंडों के बीईओ से भी सभी नियोजन इकाई से मेधा सूची अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। मांझी में 795 व मशरख में 400 शिक्षकों के मेधा सूची फोल्डर में जमा नहीं किया गया है। जिसके कारण जांच कैंप में इन दोनों प्रखंडों के शिक्षकों की मेधा सूची का मिलान नहीं हो सका है। जिससे इनकी परेशानी बढ़ने वाली है। विजिलेंस के कैंप कार्यालय में विभिन्न प्रखंडों के नियोजन इकाई के मेधा सूची, काउंस¨लग रजिस्टर आदि की जांच पूरी होने के बाद निगरानी सबकी पड़ताल करेगी और आगे की कार्रवाई प्रारंभ करेगी। निगरानी के संभाग प्रमुख शशिभूषण ¨सह ने बताया कि सभी प्रखंडों के नियोजन इकाई के जांच पूरी होने के बाद निगरानी मशरख व मांझी प्रखंडों के नियोजन की बारीकी से जांच करेगी। जिसके बाद नियोजन में गड़बड़ी पाए जाने के बाद शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराएगी। जिसकी तैयारी विजिलेंस ने शुरू कर दी है।
वर्जन :
'शिक्षक नियोजन में जांच के दौरान कई तरह की गड़बड़ी पाई जा रही है। जिसकी जांच पूरी निगरानी द्वारा की जांच जा रही है। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर इन प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। जिसकी तैयारी निगरानी ने शुरू कर दी है।'
आरएन चौधरी
विजिलेंस इंस्पेक्टर सह जांच पदाधिकारी, सारण
इनसेट :
परसा के शिक्षक नियोजन की हुई जांच
छपरा : जिला स्कूल स्थित निगरानी के कैंप कार्यालय में मंगलवार को परसा प्रखंड के नियोजन इकाई की सघन जांच की गई। जिसमें प्रखंड के विभिन्न नियोजन इकाई द्वारा जमा फोल्डर का मिलान किया गया। परसा प्रखंड के विभिन्न पंचायत के नियोजन इकाई जांच को लेकर संबंधित कागजात लेकर कैंप कार्यालय में पहुंचे थे। विजिलेंस ने शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र, मेधा सूची, काउंस¨लग रजिस्टर, आरक्षण रोस्टर की जांच की। जिसमें कई तरह की अनियमिता पाई गई है। इसके बाद इन नियोजन इकाईयों की परेशानी बढ़ गई है। निगरानी के संभाग प्रमुख शशि भूषण ¨सह ने बताया कि 21 दिसंबर को मढ़ौरा प्रखंड के शिक्षक नियोजन की इकाई के कागजातों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि मढ़ौरा के बीईओ ने 17 कॉलम की जानकारी एवं प्रपत्र एक व दो भी जमा नहीं किया है। जिसे अविलंब जमा करने का निर्देश दिया गया है।
इनसेट :
संगीत शिक्षकों का जमा प्रमाण पत्र मिलेगा 25 को
छपरा : सारण जिले के नवनियुक्त संगीत, ललित कला व नृत्य के शिक्षकों का जमा शैक्षणिक व प्रशैक्षिणक प्रमाण पत्र 25 दिसंबर को दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के स्थापना संभाग के लिपिक शशि भूषण ¨सह ने बताया कि स्थापना कार्यालय में 25 दिसंबर को 10 बजे से संगीत, ललित कला व नृत्य के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को वापस किया जाएगा। रविवार को छुट्टी के दिन शिक्षकों को कार्यालय आने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्हें इनका जमा प्रमाण पत्रों को वापस किया जाएगा।
इनसेट :
आरडीडीई ने संभाग बदलने पर लगाई रोक
छपरा : शिक्षा विभाग के स्थापना संभाग के लिपिक अनिल मिश्र के संभाग बदले जाने के आदेश पर उप शिक्षा निदेशक रामायण राम ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उल्लेखनीय हो कि जिला शिक्षा पदाधिकारी अजीत ¨सह ने स्थापना संभाग के लिपिक अनिल मिश्र का तबादला योजना लेखा में कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने आरडीडीई को आवेदन दिया था। आरडीडीई ने डीईओ के आदेश पर रोक लगा दी।
जिससे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन शिक्षकों की नौकरी पर पर भी ग्रहण लग गया है। मशरख व मांझी के विभिन्न पंचातयों द्वारा मेधा सूची नही दी गई तो इनकी नौकरी खतरे में पर जाएगी। विजिलेंस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मांझी व मशरख प्रखंडों के बीईओ से भी सभी नियोजन इकाई से मेधा सूची अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। मांझी में 795 व मशरख में 400 शिक्षकों के मेधा सूची फोल्डर में जमा नहीं किया गया है। जिसके कारण जांच कैंप में इन दोनों प्रखंडों के शिक्षकों की मेधा सूची का मिलान नहीं हो सका है। जिससे इनकी परेशानी बढ़ने वाली है। विजिलेंस के कैंप कार्यालय में विभिन्न प्रखंडों के नियोजन इकाई के मेधा सूची, काउंस¨लग रजिस्टर आदि की जांच पूरी होने के बाद निगरानी सबकी पड़ताल करेगी और आगे की कार्रवाई प्रारंभ करेगी। निगरानी के संभाग प्रमुख शशिभूषण ¨सह ने बताया कि सभी प्रखंडों के नियोजन इकाई के जांच पूरी होने के बाद निगरानी मशरख व मांझी प्रखंडों के नियोजन की बारीकी से जांच करेगी। जिसके बाद नियोजन में गड़बड़ी पाए जाने के बाद शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराएगी। जिसकी तैयारी विजिलेंस ने शुरू कर दी है।
वर्जन :
'शिक्षक नियोजन में जांच के दौरान कई तरह की गड़बड़ी पाई जा रही है। जिसकी जांच पूरी निगरानी द्वारा की जांच जा रही है। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर इन प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। जिसकी तैयारी निगरानी ने शुरू कर दी है।'
आरएन चौधरी
विजिलेंस इंस्पेक्टर सह जांच पदाधिकारी, सारण
इनसेट :
परसा के शिक्षक नियोजन की हुई जांच
छपरा : जिला स्कूल स्थित निगरानी के कैंप कार्यालय में मंगलवार को परसा प्रखंड के नियोजन इकाई की सघन जांच की गई। जिसमें प्रखंड के विभिन्न नियोजन इकाई द्वारा जमा फोल्डर का मिलान किया गया। परसा प्रखंड के विभिन्न पंचायत के नियोजन इकाई जांच को लेकर संबंधित कागजात लेकर कैंप कार्यालय में पहुंचे थे। विजिलेंस ने शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र, मेधा सूची, काउंस¨लग रजिस्टर, आरक्षण रोस्टर की जांच की। जिसमें कई तरह की अनियमिता पाई गई है। इसके बाद इन नियोजन इकाईयों की परेशानी बढ़ गई है। निगरानी के संभाग प्रमुख शशि भूषण ¨सह ने बताया कि 21 दिसंबर को मढ़ौरा प्रखंड के शिक्षक नियोजन की इकाई के कागजातों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि मढ़ौरा के बीईओ ने 17 कॉलम की जानकारी एवं प्रपत्र एक व दो भी जमा नहीं किया है। जिसे अविलंब जमा करने का निर्देश दिया गया है।
इनसेट :
संगीत शिक्षकों का जमा प्रमाण पत्र मिलेगा 25 को
छपरा : सारण जिले के नवनियुक्त संगीत, ललित कला व नृत्य के शिक्षकों का जमा शैक्षणिक व प्रशैक्षिणक प्रमाण पत्र 25 दिसंबर को दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के स्थापना संभाग के लिपिक शशि भूषण ¨सह ने बताया कि स्थापना कार्यालय में 25 दिसंबर को 10 बजे से संगीत, ललित कला व नृत्य के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को वापस किया जाएगा। रविवार को छुट्टी के दिन शिक्षकों को कार्यालय आने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्हें इनका जमा प्रमाण पत्रों को वापस किया जाएगा।
इनसेट :
आरडीडीई ने संभाग बदलने पर लगाई रोक
छपरा : शिक्षा विभाग के स्थापना संभाग के लिपिक अनिल मिश्र के संभाग बदले जाने के आदेश पर उप शिक्षा निदेशक रामायण राम ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उल्लेखनीय हो कि जिला शिक्षा पदाधिकारी अजीत ¨सह ने स्थापना संभाग के लिपिक अनिल मिश्र का तबादला योजना लेखा में कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने आरडीडीई को आवेदन दिया था। आरडीडीई ने डीईओ के आदेश पर रोक लगा दी।