मोकामा। बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला प्रखंड के सेवानिवृत्त और मौजूदा शिक्षकों ने एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। शिक्षकों ने आपस में धन संग्रह कर शिक्षा विभाग का एक प्रखंड संसाधन केंद्र बनवाया है।
शिक्षकों द्वारा आपस में धन एकत्र कर सात लाख की लागत से बनाए गए प्रखंड संसाधन केंद्र भवन का उद्घाटन राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किया।
बता दें कि पटना जिला अंतर्गत बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला प्रखंड में शिक्षा विभाग का अपना प्रशासनिक भवन नहीं था। प्रखंड स्तर पर शिक्षा विभाग की सारी गतिविधियां प्रखंड संसाधन केंद्र से संचालित होती है लेकिन अथमलगोला प्रखंड में एक भी सरकारी भवन उपलब्ध नहीं था। प्रखंड स्तर पर शिक्षा संबंधी कार्यों को करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अथमलगोला के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी धीरज कुमार की पहल पर शिक्षकों ने अपने वेतन से चंदा एकत्र कर भवन का निर्माण करवाया। शिक्षकों की इस पहल का स्थानीय प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह और सेवानिवृत्त शिक्षकों ने भरपूर सहयोग दिया।
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने भी शिक्षकों के प्रयास की सराहना की। विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षा के प्रति सभी तबके के लोगों की ललक बढ़ी है और शिक्षकों का यह प्रयास हुआ वाकई सराहना के काबिल है।
शिक्षकों द्वारा आपस में धन एकत्र कर सात लाख की लागत से बनाए गए प्रखंड संसाधन केंद्र भवन का उद्घाटन राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने किया।
बता दें कि पटना जिला अंतर्गत बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला प्रखंड में शिक्षा विभाग का अपना प्रशासनिक भवन नहीं था। प्रखंड स्तर पर शिक्षा विभाग की सारी गतिविधियां प्रखंड संसाधन केंद्र से संचालित होती है लेकिन अथमलगोला प्रखंड में एक भी सरकारी भवन उपलब्ध नहीं था। प्रखंड स्तर पर शिक्षा संबंधी कार्यों को करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अथमलगोला के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी धीरज कुमार की पहल पर शिक्षकों ने अपने वेतन से चंदा एकत्र कर भवन का निर्माण करवाया। शिक्षकों की इस पहल का स्थानीय प्रखंड प्रमुख अनिल सिंह और सेवानिवृत्त शिक्षकों ने भरपूर सहयोग दिया।
शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने भी शिक्षकों के प्रयास की सराहना की। विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षा के प्रति सभी तबके के लोगों की ललक बढ़ी है और शिक्षकों का यह प्रयास हुआ वाकई सराहना के काबिल है।