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बिहार बोर्ड का फैसला: कंप्यूटर स्क्रीन देखकर अब जांची जाएंगी मैट्रिक और इंटर की कॉपियां

मैट्रिक इंटर की परीक्षा के बाद कॉपियों की हेराफेरी और जांच में गड़बड़ी पर लगाम लगाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने डिजिटल मार्किंग सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है। शिक्षक अब कंप्यूटर स्क्रीन पर स्कैन की हुई कॉपी की जांच करेंगे और नंबर देंगे।
कॉपी की जांच के बाद सिस्टम खुद ही उसे लॉक कर देगा और कुल मार्क्स जोड़कर बता देगा। इस प्रक्रिया से रिजल्ट भी जल्दी निकलेगा और गड़बड़ी की संभावना भी नहीं रहेगी। अगले महीने होनेवाले कंपार्टमेंटल परीक्षा से ही बोर्ड ने इसे लागू करने का फैसला लिया है।

कंपार्टमेंटल में लगभग 10.5 लाख कॉपियां जांची जाएंगी। इसके बाद इसे अगले साल होनेवाली मैट्रिक इंटर की वार्षिक परीक्षा में लागू किया जाएगा। बोर्ड अध्यक्ष आनन्द किशोर ने बताया कि इसके कई फायदे होंगे। एक तो कॉपियों की मूवमेंट नहीं होगी जिससे गड़बड़ी पर रोक लगेगी।

आनंद किशोर

सीबीएसई समेत कुछ राज्यों में पहले से लागू: सीबीएसईकुछ राज्यों में यह सिस्टम पहले से ही लागू है। वहां मिली सफलता को देखने के बाद ही बिहार बोर्ड ने इसे लागू करने का फैसला लिया है। बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि सीबीएसई ने वर्ष 2013, 2014 और 2015 में इस व्यवस्था को लागू किया था। ओडिशा, मेघालय, गोवा जैसे राज्य भी इस पद्धति को अपना चुके हैं।

कैसे होगा काम

परीक्षाके बाद जिलों से कॉपियां स्ट्रॉन्ग रूम में भेज दी जाएंगी। वहां पर बारकोडिंग के बाद स्ट्रॉन्ग रूम में लगे हाई स्पीड स्कैनर से कॉपी स्कैन होगी। फिर ये कॉपियां सर्वर पर डाल दी जाएंगी, जिसे इवैल्युएशन सेंटर पर शिक्षक लॉग इन कर खोलेंगे और जांच करेंगे।
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