पटना : बिहार
बोर्ड ने अपने एक नये फैसले के तहत इंटर और मैट्रिक की परीक्षा को और
पारदर्शी बनाने के लिये हाइटेक कदम उठाने जा रहा है. बोर्ड मैट्रिक और
इंटरमीडिएट के उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन सुरक्षित और संरक्षित हो, इसके
लिये बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मूल्यांकन में डिजिटल मार्किंग सिस्टम
को लागू करने
जा रहा है. बोर्ड अध्यक्ष ने मीडिया को इसकी जानकारी देते
हुए बताया कि इस सिस्टम से पहले मैट्रिक और इंटर 2016 के कंपार्टमेंटल
परीक्षा का मूल्यांकन किया जायेगा. इसके तहत उत्तर पुस्तिका की जांच
शिक्षक मैनुअल नहीं करेंगे, बल्कि उत्तर पुस्तिका की जांच शिक्षक कंप्यूटर
पर करेंगे. कंप्यूटर में शिक्षकों को उत्तर पुस्तिका की साफ्ट कॉपी
उपलब्ध करवायी जायेगी.राज्य के हर जिले में स्ट्रांग रूम की होगी व्यवस्था
कंपार्टमेंटल के मूल्यांकन में समिति इस
सिस्टम में सफल हो जायेगा तो इसे 2017 के मैट्रिक और इंटर के मूल्यांकन
में भी लागू किया जायेगा. बोर्ड के मुताबिक इसके लिये शिक्षकों को बकायदा
ट्रेनिंग दी जायेगी. इससे लाभ यह होगा कि हर प्रश्न की जांच होगी. कोई
प्रश्न चेकिंग के दौरान छूट नहीं पायेगा और स्क्रूटनी की जरूरत नहीं होगी.
स्क्रूटनी जीरो परसेंट पर आ जायेगा. साथ ही रि-टोटलिंग करने की जरूरत
नहीं होगी. कोई भी गलत मूल्यांकन नहीं हो पायेगा, स्टेप वाइज मार्किंग
पूरी तरह से फॉलो हो पायेगा. उत्तर पुस्तिका गायब होने या भुला जाने जैसी
घटनाएं नहीं घटेगी, टेबुलेशन संबंधित गलतियां नहीं हो पायेगी.
मूल्यांकन में पारदर्शिता के लिये बदलाव-अध्यक्ष
बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने मीडिया
को बताया कि बिहार बोर्ड में मूल्यांकन को लेकर कई बदलाव किये जा रहे है.
अब मूल्यांकन डिजिटल मार्किंग सिस्टम से किया जायेगा. इसे कंपार्टमेंटल
में ही लागू होगा. इसके तहत अब फिजिकली नहीं बल्कि कंप्यूटर पर मूल्यांकन
आॅफ लाइन किया जायेगा. इससे कई तरह की गड़बड़ी को खत्म किया जा सकेगा.
जानकारी के मुताबिक इस सिस्टम के लागू हो जाने से मार्क्स देने में गलती
शिक्षक नहीं कर पायेंगे, रिजल्ट तैयार करने में महीना नहीं बल्कि दस दिन
लगेंगे और उत्तर पुस्तिका को बदलना संभव नहीं होगा.
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