बिहार बोर्ड. कंपार्टमेंटल परीक्षा से ही डिजिटल मार्किंग सिस्टम होगा लागू, परीक्षा समिति कर रही तैयारी
मैट्रिक और इंटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब डिजिटल
मार्किंग सिस्टम से होगा. इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जायेगी.
कंप्यूटर में शिक्षकों को उत्तर पुस्तिका की साॅफ्ट कॉपी उपलब्ध करायी
जायेगी.
पटना : मैट्रिक और इंटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब
डिजिटल मार्किंग सिस्टम से होगा. बिहार बोर्ड इसे इस साल मैट्रिक और इंटर
की होनेवाली कंपार्टमेंटल परीक्षा से लागू करने जा रहा है. इस सिस्टम के
तहत उत्तर पुस्तिकाओं की जांच शिक्षक मैनुअल नहीं, बल्कि कंप्यूटर पर
करेंगे.
कंप्यूटर में शिक्षकों को उत्तर पुस्तिका की साॅफ्ट कॉपी उपलब्ध करायी
जायेगी. कंपार्टमेंटल परीक्षा में इसकी सफलता के बाद इसे 2017 की मैट्रिक
और इंटर की परीक्षा में भी लागू किया जायेगा. अभी सीबीएसइ में 10वीं और
12वीं में मूल्यांकन इसी सिस्टम से किया जाता है. इसके अलावा ओड़िशा,
मिजोरम, गोवा में भी यह सिस्टम लागू है.
एक कॉपी पर 50 रुपये का आयेगा खर्च : डिजिटल मार्किंग सिस्टम से एक
उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन पर 50 रुपये का खर्च आयेगा. मैट्रिक और इंटर
परीक्षा में पूरे मूल्यांकन का बजट अभी दो करोड़ का होगा. बोर्ड से मिली
जानकारी के अनुसार मैट्रिक और इंटर परीक्षा में मूल्यांकन में अभी छह से
सात करोड़ रुपये खर्च होते हैं.
हर जिला मुख्यालय में कंट्रोल रूम : डिजिटल मार्किंग सिस्टम के लिए
बोर्ड कार्यालय में कंट्रोल रूम रहेगा. इस कंट्रोल रूम के माध्यम से बोर्ड
अध्यक्ष और सचिव जब चाहे किसी भी मूल्यांकन केंद्र की सूचना ले पायेंगे.
किस शिक्षक ने कितना कॉपियां जांचीं, क्या लापरवाही हो रही है, कहां पर
क्या दिक्कतें आ रही हैं, सब कुछ बोर्ड कार्यालय से मॉनीटरिंग की जा सकेगी.
इसके अलावा हर जिला मुख्यालय में भी कंट्रोल रूम बनेगा. इसकी मॉनीटरिंग
संबंधित जिले के डीएम करेंगे.
शिक्षकों को दी जायेगी ट्रेनिंग : बोर्ड की ओर से शिक्षकों को डिजिटल
मार्किंग सिस्टम से मूल्यांकन की ट्रेनिंग दी जायेगी. ट्रेनिंग के दौरान
एक्सपर्ट मूल्यांकन की सारी प्रक्रियाओं को शिक्षकों को बतायेंगे. इसके लिए
बोर्ड एक-दो दिनों में निविदा के माध्यम से एजेंसी का चयन करेगी. यह
एजेंसी ही शिक्षकों को ट्रेंड करेंगे.
ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को मानदेय भी मिलेगा. बोर्ड के अध्यक्ष
आनंद किशोर ने कहा कि बिहार बोर्ड में मूल्यांकन को लेकर कई बदलाव किये जा
रहे है. अब मूल्यांकन डिजिटल मार्किंग सिस्टम से किया जायेगा. इसे
कंपार्टमेंटल में ही लागू होगा. इसके तहत अब फिजिकली नहीं, बल्कि कंप्यूटर
पर मूल्यांकन आॅफ लाइन किया जायेगा. इससे कई तरह की गड़बड़ी को खत्म
किया जा सकेगा.
ऐसे होगा मूल्यांकन
कॉपियों को जिला मुख्यालय के स्ट्रांग रूम में रखा जायेगा
स्ट्रांग रूम में ही सभी कॉपियों की बार कोडिंग होगी
हर पन्ने की स्कैनिंग होगी
स्कैनिंग के बाद उत्तरपुस्तिकाओं की सॉफ्ट काॅपी तैयार हो जायेगी, जिन्हें सर्वर में डाला जायेगा
सर्वर से सभी सॉफ्ट कॉपी को अलग-अलग मूल्यांकन केंद्रों पर भेजा जायेगा
मूल्यांकन केंद्र पर शिक्षक कंप्यूटर पर कॉपियों की जांच करेंगे
जांच की प्रक्रिया ऑफलाइन होगी
सभी कॉपियों के अंकों को सेंटर वाइज सर्वर में लाया जायेगा
सर्वर में सभी मूल्यांकन केंद्रों पर जांची हुई उत्तरपुस्तिकाओं की साॅफ्ट कॉपियों को रखा जायेगा
ये सारे होेंगे लाभ
हर प्रश्न की जांच होगी. कोई प्रश्न चेकिंग के दौरान छूट नहीं पायेगा
स्क्रूटनी की जरूरत नहीं होगी.
रि-टोटलिंग करने की जरूरत नहीं होगी.
कोई भी गलत मूल्यांकन नहीं हो पायेगा
स्टेपवाइज मार्किंग पूरी तरह से फॉलो हो पायेगा
उत्तरपुस्तिका गायब होने या भुला जाने जैसी घटनाएं नहीं होंगी
टेबुलेशन संबंधित गलतियां नहीं हो पायेंगी
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