समस्तीपुर :
प्रधानाध्यापकों के द्वारा मध्याह्न भोजन योजना से खुद को अलग कर लेने के
बाद दूसरे दिन भी जिले के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन
योजना ठप रहा. इसके कारण करीब आठ बच्चे दूसरे दिन भी विद्यालय से बगैर भोजन
किये ही अपने घर लौट गये. बता दें कि छह सितंबर से जिले के सभी
प्रधानाध्यापकों ने मिड डे मील से अपने आपको अलग रख लिया है. इस वजह से मिड
डे मील पूरी तरह बंद हो गया है.
पहले दिन 2661 विद्यालयों में से 2570 स्कूलों में मध्याह्न भोजन ठप
रहा, जबकि दूसरे दिन 2616 स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना ठप रहने की
सूचना है. इससे स्पष्ट होता है कि एचएम के द्वारा अपने को इससे अलग रखने का
व्यापक प्रभाव मिड डे मील के संचालन पर पड़ा है. सभी स्कूलों में एक साथ
मध्याह्न भोजन योजना ठप रहने के कारण शिक्षा विभाग के साथ जिला प्रशासन की
परेशानी भी बढ़ गयी है.
वरीयतम शिक्षक को सौंपे मिड डे मील का प्रभार : डीपीओ मध्याह्न भोजन
योजना ने बुधवार को सभी स्कूलों में पत्र भेजकर कहा है कि जो एचएम मध्याह्न
भोजन योजना से अपने आप को अलग रखना चाहते हैं, वे स्कूल के वरीयतम शिक्षक
को प्रभार दे दें. वरीयतम शिक्षक ही मध्याह्न भोजन का संचालन करेंगे. डीपीओ
मध्याह्न भोजन योजना संजय कुमार चौधरी ने बताया कि इस आशय का पत्र निर्गत
कर दिया गया है. प्रधानाध्यापकों के द्वारा मिड डे मील से अपने को अलग रखने
के बाद यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि जो प्रधानाध्यापक
मध्याह्न भोजन योजना का संचालन नहीं करना चाहते हैं, वे अविलंब अपने स्कूल
के वरीयतम शिक्षक को मध्याह्न भोजन योजना का संपूर्ण प्रभार दें. गुरुवार
से ऐसे स्कूलों में वरीयतम शिक्षक के द्वारा इसका संचालन किया जायेगा.
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