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मासूमों के निवाले पर शिक्षकों की नजर

मुजफ्फरपुर। जिले में कहीं उपस्थिति तो कहीं घटिया भोजन का 'खेल' चल रहा है। बच्चों के दोपहर का भोजन शिक्षक निगल जा रहे हैं। दूसरी ओर 25 फीसद प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना ठप पड़ा है। कभी चावल तो कभी राशि के अभाव में बच्चे को दोपहर का भोजन नहीं मिल पा रहा है।
मिड डे मिल (एमडीएम) के लिए विद्यालयों तक चावल पहुंचाने की जिम्मेवारी संवेदक को दिया जा चुका है। वे स्कूलों में चावल पहुंचाते है। बच्चों के भोजन पर शिक्षकों की नजर रहती है। मौका मिलते ही चावल को बाजार में बेच दिया जाता है।

एडीएम की जांच से हुआ फर्जी उपस्थिति के खेल का खुलासा
मिड डे मील में फर्जी उपस्थिति का खेल चल रहा है। अधिकांश स्कूलों में ऐसा ही हो रहा है। छात्रों की अधिक उपस्थिति बनाकर चावल और राशि में गड़बड़ी की जा रही है। जांच एजेंसी और स्कूलों के बीच बेहतर तालमेल है। इसी वजह से गड़बड़ी थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिला जन शिकायत कोषांग के वरीय उप समाहर्ता जावेद अहसन अंसारी ने साहेबगंज प्रखंड के उमवि. जगदीशपुर का औचक निरीक्षण किया था। स्कूल में छात्रों की उपस्थिति 200 देखा गया, जबकि छात्र उपस्थिति पंजी में 350 था। छह दिनों का औसत उपस्थिति 726 पाई गई। स्कूल में छात्र-छात्राओं की भौतिक उपस्थिति एवं औसत उपस्थिति की तुलना में 526 का अंतर पाया गया। जांच पदाधिकारी की मानें तो अधिक उपस्थिति बनाकर खाद्यान्न एवं राशि का गबन किया जा रहा है। वरीय अधिकारी के निर्देश पर स्कूल के प्रधानाध्यापक नवल किशोर राम के खिलाफ गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है।
चावल बेचते पकड़े गये थे शिक्षक
शहर के मध्य विद्यालय गोला पंचायत में स्थानीय लोगों ने शिक्षक को चावल बेचते पकड़ा था। चावल बेचे जाने के खिलाफ काफी हंगामा हुआ था। स्थानीय लोगों के दवाब पर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी थी।
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