पटना : बिहार के
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को एक नई जिम्मेदारी दी है। इंटर में
हुए टॉपर घोटाले के बाद अब स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को स्कूलों की
जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीएम ने जीविका के एक कार्यक्रम में इसकी
घोषणा की। घोषणा के अनुसार, अब स्वंय सहायता समूह की महिलाएं यह जाचेंगी कि
शिक्षक समय पर आ रहे है या नहीं।
स्कूल का ताला समय पर खुल रहा है या नहीं,
शिक्षक विद्दालय में बच्चों को तालीम दे रहे हैं या फिर किसी अन्य काम में
व्यस्त हैं। इसके अलावा भी नीतीश ने महिलाओं को कई और जिम्मेदारियां दी है,
जिसमें मिड डे मील पर नजर रखना। महिलाएं महीने में एक बार स्कूल का औचक
निरीक्षण कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य सरकार इसी रिपोर्ट के
आधार पर दोषी स्कूलों पर कार्रवाई करेगी।
नीतीश ने कहा कि ऐसा करने के पीछे उनकी मंशा
है कि स्कूल समय पर खुलें, बच्चे पढ़ें और शिक्षक पढ़ाएं। शिक्षा विभाग
में इसके लिए अलग से कोषांग का गठन किया जाएगा। जिसकी निगरानी का जिम्मा
मुख्य सचिव के कार्यालय की होगी। सीएम ने बताया कि स्कूल में 90 प्रतिशत
बच्चों का एडमिशन हुआ है, लेकिन 50-60 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल जाते है।
इसके पीछे क्या कारण है, इसका पता लगाया
जाना चाहिए। जीविका के कार्यक्रम में नीतीश ने केंद्र पर हमला बोलते हुए
कहा कि केंद्र में बैठकर लोग विकास पर्व मना रहे है। नीतीश ने कहा कि जितना
पर्व मनाना है मनाते रहे, आज बिहार के हर घर में पर्व मनाया जा रहा है।
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