पटना : शिक्षा
विभाग में पदाधिकारियों को धांधली करने की मनमानी इतनी ज्यादा रहती है कि
गलत करने वाले को बचाने के लिए मामले को उजागर करने वाले पर ही कार्रवाई कर
दी गयी. यह मामला पूर्णिया जिले के अमौर के खाड़ी स्थित मध्य विद्यालय सानी
टोला का है. यहां के एक शिक्षक विजेन्द्र कुमार सिंह के खिलाफ छात्रवृत्ति,
पोशाक, भोजन की राशि में गबन करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रखंड
शिक्षा पदाधिकारी (बीइओ) कामेन्द्र कुमार कामेश ने एफआइआर दर्ज करवायी.
परंतु शिक्षक लगे गबन के मामले की जांच होने के बजाये जिला शिक्षा
पदाधिकारी (डीइओ) ने बीइओ कामेश को ही गलत आरोप लगाकर निलंबित कर दिया.
डीइओ ने बीइओ पर आरोप लगाया कि वे शिक्षकों का मनमाने ढंग से बिना
किसी उच्चाधिकारियों के आदेश के शिक्षकों का तबादला करते हैं. इस पर बीइओ
ने शिक्षा विभाग में अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच फिर से या किसी पदाधिकारी
से कराने की मांग की. तब इस मामले की फिर से जांच की गयी, पुलिस और
विभागीय जांच पदाधिकारी दोनों ने जांच की. पाया कि बीइओ पर लगे तमाम आरोप
गलत हैं.
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