पटना: बिहार इंटरमीडियेट की परीक्षा में
टॉपर्स फर्जीवाड़ा मामले में भूमिगत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के
पूर्व अध्यक्ष प्रो. लाल केश्वर प्रसाद सिंह के निजी सचिव अनिल कुमार को आज
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी जांच की कमान संभाल
रहे पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने यहां बताया कि फर्जीवाड़ा
के इस मामले की जांच से अनिल की संलिप्तता का पता लगा है। जांच के बाद ही
अनिल को इस मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।
महाराज ने बताया कि अनिल की जानकारी में
ही फर्जीवाड़ा का खेल हुआ करता था और इसमें इसकी अहम भूमिका रहती थी। बगैर
अनिल की इजाजत के पूर्व अध्यक्ष से कोई भी मिल नहीं सकता था। उन्होंने
बताया कि अनिल दलाल के रुप में काम करता था और उसने पूछताछ में कई
महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फर्जीवाड़ा
का मामला उजागर होने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष पद
से प्रो सिंह ने आठ जून को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से प्रो. सिंह और
उनकी पत्नी एवं पटना के गंगा देवी महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.
उषा सिन्हा भूमिगत हैं। महाराज ने बताया कि सिन्हा की तलाश में एसआईटी लगी
हुई है और जगह-जगह दबिश दी जा रही है। सिन्हा को इस मामले में अप्राथमिक
अभियुक्त बनाया गया है। इस मामले में फरार लोगों के खिलाफ आगे की कार्रवाई
की जाएगी।
इससे पूर्व टॉपर्स फर्जीवाड़ा में गत नौ
जून को वैशाली जिले के जी ए इंटर कॉलेज हाजीपुर की प्राचार्य सह
केन्द्राधीक्षक शैल कुमारी,पटना के राजेन्द्रनगर राजकीय बालक उच्च माध्यमिक
विद्यालय के प्राचार्य सह केन्द्राधीक्षक विकेश्वर प्रसाद यादव,इंटर
काउंसिल गोपनीय शाखा के सहायक रंजीत कुमार मिश्रा,इंटर काउंसिल गोपनीय शाखा
के प्रशाखा अधिकारी शम्भूनाथ दास और राजेन्द्रनगर राजकीय बालक उच्च
माध्यमिक विद्यालय के गणित के शिक्षक संजीव कुमार सुमन को गिरफ्तार किया
गया था। पराध: टॉपर्स गिरफ्तार तीन अंतिम पटना फर्जीवाड़ा मामले के
मास्टरमाइंड और वैशाली जिले के कीरतपुर स्थित विशुनदेव राय कॉलेज के
प्राचार्य सह कर्ताधर्ता अमित कुमार उर्फ बच्चा राय ने एसआईटी की दबिश को
देखते हुए 11 जून को नाटकीय ढंग से अपने कॉलेज के निकट आत्मसमर्पण किया था
जिसे तत्काल एसआईटी ने गिरतार कर लिया था।
इसके बाद 12 जून को पटना विश्वविद्यालय
में तदर्थ शिक्षक के रूप में कार्यरत अजीत शक्तिमान तथा बिहार विद्यालय
परीक्षा समिति में कार्यरत संजीव कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था।
मिश्रा भागलपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत कॉलेज में कार्यरत थे लेकिन
विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रो.सिंह ने उन्हें
प्रतिनियुक्ति पर यहां पदस्थापित करवाया था। एसआईटी पति-पत्नी के कारनामों
में भागीदार रहे लोगों की तलाश में लगातार दबिश बनाए हुए है और इसी सिलसिले
में गंगा देवी महिला कॉलेज के लिपिक देव नारायण सिंह को 13 जून
को गिरफ्तार किया गया था और उसी दिन एसआईटी ने पति-पत्नी के गृह जिला
नालंदा के हिलसा में भी छापेमारी की थी जहां से हिलसा के पूर्व प्रखंड
प्रमुख अनिल को गिरफ्तार किया था। प्रो. सिन्हा जब हिलसा से विधायक थीं,उसी
दौरान उनकी पूर्व प्रखंड प्रमुख अनिल से पहचान हुई थी , जिसके बाद वह
फर्जीवाड़ा के इस मामले में शामिल हो गया था।
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