सीतामढ़ी । उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में पूर्व शिक्षा अनुदेशकों
को सरकारी सेवा में समायोजन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके
अन्तर्गत मंगलवार को डीपीओ कार्यालय में काउंस¨लग के लिए शिविर का आयोजन
किया गया। जिसमें 58 अभ्यर्थियों ने काउंस¨लग कराया।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी उमेश प्रसाद ¨सह ने बताया कि 59 अभ्यर्थियों में 58 ने काउंस¨लग कराया है। काउंस¨लग के आधार पर सूची तैयार की जाएगी। जिसे राज्य कार्यालय को भेज दिया जाएगा। कहा कि पैनल निर्माण के लिए जिला स्तरीय गठित कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें लिए गए निर्णय के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बताया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में आर्हता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में चतुर्थ वर्ग कर्मियों के रुप में समायोजन किया जाएगा।
नियुक्ति के लिए संशय बरकरार
उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में आर्हता प्राप्त पूर्व शिक्षा अनुदेशकों को सरकारी सेवा में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में समायोजन करना है। कोर्ट के आदेश के अनुसार वैसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जानी है, जो अनौपचारिक शिक्षा योजना की समाप्ति 31 मार्च 2001 तक कार्यरत रहे हो या अनौपचारिक शिक्षा योजना के समाप्ति के पूर्व लगातार तीन वर्षों तक कार्य किया हो। अनुदेशकों द्वारा समायोजन सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली अथवा उच्च न्यायालय पटना में 26 फरवरी 2016 तक कोई वाद दायर किया हो। कोर्ट के उक्त शर्त को लेकर नियुक्ति के लिए संशय बरकरार है। सूत्रों के अनुसार अनौपचारिक शिक्षा वर्ष 2000 में ही समाप्त कर दी गई है। ऐसे में वर्ष 2001 तक कार्यरत रहने की बात स्पष्ट नहीं हो रहा है। इसे लेकर शिक्षा अनुदेशकों के नियुक्ति को लेकर संशय बना हुआ है। बताते चले कि विभाग से हरी झंडी मिलते ही आवेदन आना शुरू हो गया था। इसके आलोक में करीब 700 से अधिक आवेदन प्राप्त भी हुआ। शिक्षा अनुदेशकों की बहाली के लिए जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है। जिसमें डीईओ को अध्यक्ष, डीपीओ साक्षरता को सदस्य सचिव व सदस्यों में डीएम द्वारा मनोनीत वरीय पदाधिकारी व कार्यक्रम पदाधिकारी को शामिल किया गया है।
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जिला प्रोग्राम पदाधिकारी उमेश प्रसाद ¨सह ने बताया कि 59 अभ्यर्थियों में 58 ने काउंस¨लग कराया है। काउंस¨लग के आधार पर सूची तैयार की जाएगी। जिसे राज्य कार्यालय को भेज दिया जाएगा। कहा कि पैनल निर्माण के लिए जिला स्तरीय गठित कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें लिए गए निर्णय के आलोक में अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बताया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में आर्हता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में चतुर्थ वर्ग कर्मियों के रुप में समायोजन किया जाएगा।
नियुक्ति के लिए संशय बरकरार
उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में आर्हता प्राप्त पूर्व शिक्षा अनुदेशकों को सरकारी सेवा में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में समायोजन करना है। कोर्ट के आदेश के अनुसार वैसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जानी है, जो अनौपचारिक शिक्षा योजना की समाप्ति 31 मार्च 2001 तक कार्यरत रहे हो या अनौपचारिक शिक्षा योजना के समाप्ति के पूर्व लगातार तीन वर्षों तक कार्य किया हो। अनुदेशकों द्वारा समायोजन सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली अथवा उच्च न्यायालय पटना में 26 फरवरी 2016 तक कोई वाद दायर किया हो। कोर्ट के उक्त शर्त को लेकर नियुक्ति के लिए संशय बरकरार है। सूत्रों के अनुसार अनौपचारिक शिक्षा वर्ष 2000 में ही समाप्त कर दी गई है। ऐसे में वर्ष 2001 तक कार्यरत रहने की बात स्पष्ट नहीं हो रहा है। इसे लेकर शिक्षा अनुदेशकों के नियुक्ति को लेकर संशय बना हुआ है। बताते चले कि विभाग से हरी झंडी मिलते ही आवेदन आना शुरू हो गया था। इसके आलोक में करीब 700 से अधिक आवेदन प्राप्त भी हुआ। शिक्षा अनुदेशकों की बहाली के लिए जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है। जिसमें डीईओ को अध्यक्ष, डीपीओ साक्षरता को सदस्य सचिव व सदस्यों में डीएम द्वारा मनोनीत वरीय पदाधिकारी व कार्यक्रम पदाधिकारी को शामिल किया गया है।
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