बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन कार्यक्रम के तहत घोषित 14 से 22 दिसम्बर तक की काउंसिलिंग को तत्काल प्रभाव से स्थगित किये जाने के बाद अब राज्य के हाईस्कूल-प्लसटू
शिक्षकों के 30020 पदों के नियुक्ति कार्यक्रम पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर 2021 को पंचायत चुनाव के चलते छठे चरण के तहत माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 29 जुलाई 2021 को जारी नियोजन शिड्यूल को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया था। इसे स्थगित करते हुए तब शिक्षा विभाग ने अधिसूचना में कहा था कि पंचायत निर्वाचन 2021 के समापन के बाद नियोजन की कार्रवाई पुन: प्रारंभ करने के लिए अलग से समय सारिणी जारी की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग पंचायत चुनाव के बीच भी माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया जारी रखना चाहता था। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग से भी अनुमति मांगी गयी। बताया गया कि यह पहले से चल रही प्रक्रिया है लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 12 अक्टूबर को ही नियोजन प्रक्रिया को जारी रखने पर असहमति जताये जाने के मद्देनजर शिक्षा विभाग को इसे स्थगित करने का फैसला 22 अक्टूबर को लेना पड़ा।इसके पूर्व घोषित नियोजन शिड्यूल के मुताबिक, 10 दिसम्बर तक सभी माध्यमिक-उच्च माध्यमिक नियोजन इकाइयों में रिक्त पदों के विरुद्ध आए आवेदनों के आधार पर मेधा सूची का निर्माण और उसपर सक्षम प्राधिकार की मुहर लगनी थी। लेकिन अब पंचायत चुनाव की पूर्ण समाप्ति के बाद ही विभाग पहले प्रारंभिक शिक्षकों के लिए काउंसिलिंग आयोजित करेगा। तब हाईस्कूल शिक्षक अभ्यर्थियों की बारी आएगी। इनके नियोजन कार्यक्रम में अभी कई महत्वपूर्ण कार्य होने बाकी हैं।
1 जुलाई 2019 को ही हुई थी नियुक्ति की घोषणा
शिक्षा विभाग ने छठे चरण के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति का कार्यक्रम 1 जुलाई 2019 को ही जारी किया था। रोस्टर क्लियरेंस में भी काफी समय लग गये। जिलों से रोस्टर क्लियरेंस और खाली पदों की गणना के बाद हाईस्कूलों में शिक्षकों के रिक्त 11919 जबकि प्लसटू स्कूलों में 18101 पदों को मिलाकर कुल 30,020 पदों पर नियोजन की प्रक्रिया 29 जुलाई 2019 को आरंभ की गयी थी। तब से कई बार नियोजन कार्यक्रम घोषित और स्थगित हो चुके हैं। हाईस्कूल और प्लसटू में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए करीब ढाई साल से इंतजार करना पड़ रहा है।