बिहार में 94 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती होना है। अब तक 38 हजार शिक्षकों का चयन किया जा चुका है, लेकिन बीच में पंचायत चुनाव की वजह से नियोजन (तैनाती) प्रक्रिया रोक दी गई। प्राथमिक शिक्षकों के लिए नियोजन की तारीख 14 दिसंबर से 22 दिसंबर निकाली गई थी, लेकिन शनिवार की शाम इसे भी रद्द कर दिया गया है। (यहां पढ़ें पूरी खबर।) माध्यमिक शिक्षकों का नियोजन शेड्यूल भी जनवरी से पहले नहीं आ पाएगा। भास्कर ने इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर सचिव से बात की है।
1200 नियोजन इकाइयों में काउंसिलिंग नहीं हो पाई है
शिक्षा
विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने बताया कि 1200 नियोजन इकाइयां ऐसी हैं,
जहां काउंसिलिंग नहीं हो पाई है। अब तक 38 हजार शिक्षकों का चयन काउंसिलिंग
से कर लिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग से विभाग ने काउंसिलिंग को जारी
रखने की अनुमति मांगी थी पर आयोग ने अनुमति नहीं दी। अब 12 तारीख को चुनाव
आचार संहिता खत्म हो रही है। इसके बाद वर्ग एक से पांच के नियोजन के लिए नए
मुखिया आएंगे। छह से आठ के लिए पंचायत समिति के प्रमुख आएंगे और नवमी से
12वीं के लिए जिला परिषद के अध्यक्ष। मुखिया तो सीधे चुने जाते हैं, पर
पंचायत समिति के प्रमुख और जिला परिषद के अध्यक्ष का चयन आपस में सदस्यों
के माध्यम से होना है।
31 दिसंबर तक जनप्रतिनिधि ही चुने जाएंगे
विभाग
ने पंचायती राज विभाग से पूछा है कि ये प्रक्रिया कब तक समाप्त हो जाएगी
और नवनिर्वाचित प्रतिनिधि कब तक शपथ ले लेंगे ताकि वे मुखिया, प्रमुख और
जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हो जाएं। पंचायती राज विभाग ने
शिक्षा विभाग को बताया है कि ये सारी कार्रवाई 31 दिसंबर तक पूरी कर ली
जाएगी। विभाग इंतजार कर रहा है कि इस बारे में पंचायती राज निर्देश दे,
ताकि काउंसिलिंग की तिथियां निर्धारित कर नियोजन प्रक्रिया को अंतिम रूप
दिया जा सके।
जनवरी से पहले मुश्किल
नियोजन
कैंप लगाकर कर किया जा रहा है। इसलिए जब तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी होकर
चुने गए या चयनित प्रतिनिधि नहीं आ जाते शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू
करना मुश्किल है। इस लिहाज से जनवरी से पहले का नियोजन शेड्यूल जारी नहीं
हो सकता।