बिहार के अररिया जिले में शिक्षक और कर्मियों के साथ-साथ कार्यालय लिपिक अगर सांसद और विधायक के पास अपनी समस्याओं की फरियाद को लेकर भूलवश भी पहुंचे तो अब उनकी खैर नहीं होगी। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए डीईओ इनके खिलाफ सीधे कार्रवाई करेंगे। बाकायदा डीईओ राज कुमार ने आधिकारिक आदेश निकालकर ऐसा करने की मंशा रखने वालों को कड़ी चेतावनी दे डाली है।
इस आदेश के मुताबिक, अगर किसी शिक्षक या कर्मचारी को अपनी समस्या रखनी है तो पहले बीईओ, डीपीओ या फिर डीईओ के सामने रख सकते हैं। इससे भी अगर बात नहीं बनी तो डीएम के पास जा सकते हैं। लेकिन सांसद और विधायक जैसे जनप्रतिनिधियों के पास नहीं। यही नहीं डीईओ ने कार्यरत शिक्षक के अलावा शिक्षकेत्तर कर्मी और कार्यालय लिपिकों को भी हिदायत दी है कि वे जनप्रतिनिधियों के समक्ष अपनी समस्या नही रखें, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
आदेश को लेकर क्या बोले DEO राजकुमार
मामले पर डीईओ राज कुमार ने बताया कि ऐसा देखा जा रहा था कि शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत शिक्षक और कर्मी अपनी समस्याओं को शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के सामने न रखकर सीधे सांसद और विधायक के पास रख देते हैं। इससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल होती है। शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक और कर्मियों की समस्या सुनने के लिए बीईओ, डीपीओ और डीईओ हैं। इससे ऊपर डीएम भी हैं। फिर सांसद, विधायक आदि जनप्रतिनिधियों के पास समस्या उठाने की क्या जरुरत है।
बीईओ को सोमवार को जनता दरबार लगाने का निर्देश
डीईओ ने जिले के सभी बीईओ को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक सोमवार को सुबह 11 से एक बजे दिन तक अपने-अपने बीआरसी में बैठकर शिक्षा से संबंधित समस्याएं सुनें। इन समस्याओं को तत्काल दूर करें जिससे शिक्षक सहित अन्य कर्मियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
आदेश को शिक्षकों ने बताया तुगलकी फरमान
जनप्रतिनिधियों के समक्ष समस्या नहीं उठाने संबंधी डीईओ के आदेश को जिले के कई शिक्षकों ने तुगलकी फरमान बताया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अब्दुल कुद्दुस ने कहा कि डीईओ का यह फरमान तर्कसंगत नहीं है कि इससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल होती है।
डीईओ ने जिले के सभी बीईओ को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक सोमवार को सुबह 11 से एक बजे दिन तक अपने-अपने बीआरसी में बैठकर शिक्षा से संबंधित समस्याएं सुनें। इन समस्याओं को तत्काल दूर करें जिससे शिक्षक सहित अन्य कर्मियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
आदेश को शिक्षकों ने बताया तुगलकी फरमान
जनप्रतिनिधियों के समक्ष समस्या नहीं उठाने संबंधी डीईओ के आदेश को जिले के कई शिक्षकों ने तुगलकी फरमान बताया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अब्दुल कुद्दुस ने कहा कि डीईओ का यह फरमान तर्कसंगत नहीं है कि इससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल होती है।