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बिहार में बड़ी संख्या में पदास्थापित शिक्षकों का नियोजन हुआ रद्द, जानिए सेवा से हटाने की वजह

 बिहार में 21 पदास्थापित शिक्षकों का नियोजन हुआ रद्द, जानिए सेवा से हटाने की वजह

पटना. शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में अनियमितताओं पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड की कठडूमर पंचायत के पांच स्कूलों में पदास्थापित 21 शिक्षकों का नियोजन रद्द करने का आदेश दिया था. अब इस मुद्दे पर जिला शिक्षा विभाग ने पंचायत नियोजन इकाई के अलावा बीडीओ सहित तमाम वरीय

पदाधिकारी को पत्र लिखा है. नियोजन रद्द करने सहित फिर से मेधा सूची के आधार पर काउंसिलिंग करने कहा गया है. याचिकाकर्ता कुमार आनंद की दायर याचिका के आलोक में विभाग ने 21 शिक्षकों का नियोजन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है. इसके पूर्व नौ साल पूर्व भी हाइकोर्ट ने कुमार आनंद के पक्ष में निर्णय दिया था. हालाँकि तब आदेश के आलोक में कार्रवाई नहीं हुई तो आलोक ने हाइकोर्ट में एमजेसी दायर किया. बाद में कोर्ट के निर्देश पर मामला लोक अदालत में गया लेकिन याचिकाकर्ता को वहां से फिर कोर्ट जाने को कहा गया. उसके बाद विभाग द्वारा कार्रवाई को लेकर कोर्ट में आने की सलाह दी गई. अब विभाग ने नियोजन इकाई को तत्काल नियोजन रद्द करते हुए पूर्व की मेधा सूची के आधार पर फिर से नियोजन करते रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. इसके पूर्व 2016 में अंजली कुमारी की याचिका की सुनवाई करते हाइकोर्ट ने इसी पंचायत के 21 शिक्षकों का नियोजन रद्द कर उसी पैनल से नये सिरे से नियोजन करने का आदेश दिया था. 

उस समय नये सिरे से नियोजन भी हुआ, लेकिन अभ्यर्थी कुमार आनंद को नहीं बुलाया गया. उन्होंने इसके खिलाफ फिर से हाइकोर्ट में अवमाननावाद दायर की. अब नियोजन इकाई को नियोजन रद्द कर उस समय की मेधा सूची के आधार पर काउंसिलिंग के लिए लिखा गया है. काऊंसीलिंग उपरांत फिर से रिपोर्ट विभाग को देने का निर्देश दिया गया है.

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