मोतिहारी। सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए विभाग मजबूत प्रयास का दावा कर रहा है। लेकिन, जमीनी स्तर पर तस्वीर नहीं बदल रही है। कहीं, बिना सूचना के शिक्षक गायब तो कहीं बिना वजह के विद्यालय बंद। कहीं एमडीएम में गड़बड़ी तो कहीं पोशाक राशि का वक्त पर वितरण नहीं।
विद्यालय में बच्चों की उपस्थित एवं पंजी के आंकड़ों में मेल नहीं। ऐसी कई बातें शिक्षा व्यवस्था के दावे को जमीन पर नहीं उतरने दे रही है। दो अगस्त को जिलाधिकारी रमण कुमार द्वारा जिले के विद्यालयों की औचक जांच कराई गई तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई। इस बात पर जिलाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए इसे ठीक करने के सख्त निर्देश दिए। डीएम निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ललित कुमार रजक ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि व्यवस्था को हर हाल में ठीक करें। किसी भी स्थिति में लापरवाही नहीं चलेगी। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई तय है। जिला शिक्षा पदाधिकारी स्वयं विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं। इसके बाद से लापरवाह शिक्षकों में हड़कंप मचा है।
सामने आई गड़बड़ी, शिक्षकों पर कसा शिकंजा
डीईओ ने कहा है कि जांच में कुछ विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी विद्यालय से बिना किसी सूचना के लंबे समय से अनुपस्थित पाए गए। वहीं, कुछ विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों का अवकाश से संबंधित स्वीकृत आवेदन विद्यालय में उपलब्ध तो था, मगर उपस्थिति पंजी में अंकित नहीं किया गया था। साथ ही अवकाश पंजी भी संधारित नहीं था। डीईओ ने निर्देश दिया है कि वैसे शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी जो 90 दिनों से ज्यादा समय से अनुपस्थित हैं उनके विरूद्ध संबंधित नियोजन इकाई को प्रतिवेदित कर सेवा मुक्त करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाए। वहीं, ऐसे शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी जिनका अवकाश स्वीकृत है मगर पंजी पर अंकित नहीं है, उन्हें उपस्थिति पंजी के आधार पर अनुपस्थित अवधि का वेतन देय नहीं होगा।
एमडीएम में सरकारी निर्देशों की अनदेखी
जांच के दौरान मध्याह्न भोजन में भी कई तरह की गड़बड़ी सामने आई थी। कुछ विद्यालयों में एमडीएम से संबंधित पंजी ही नहीं थी। चखनी पंजी भी उपलब्ध नहीं थी। कई विद्यालयों में बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा था। डीईओ ने निर्देश दिया है कि योजना से संबंधित सभी पंजियों को विद्यालय में अनिवार्य रूप से रखा जाए। साथ ही नियमानुसार उनका संधारण भी अद्यतन होना चाहिए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में यह समझा जाएगा कि प्रधानाध्यापक के स्तर पर अनियमितता बरती जा रही है। ऐसी भी शिकायत मिली कि संवेदक द्वारा बोरे में कम चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पर भी सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
उच्च विद्यालयों में नहीं मिल रहा कई योजनाओं का लाभ
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि उच्च विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को जिम, पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला का लाभ नहीं मिल रहा है। निर्देश दिया गया है कि समय तालिका में जिम एवं प्रयोगशाला का वर्ग निर्धारित किया जाए। प्रधानाध्यापकों की यह जिम्मेवारी होगी कि बच्चों को इनका लाभ मिले। जिम के लिए शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालय के लिए पुस्तकालय अध्यक्ष तथा प्रयोगशाला के लिए विज्ञान शिक्षक जिम्मेवार होंगे।
कस्तूरबा विद्यालयों में भी अनियमितता
विद्यालय में नामांकित छात्राओं की तुलना में भौतिक उपस्थिति काफी कम पाई गई। खाद्यान्न सामग्री का रख रखाव एवं पंजी संधारण भी ठीक नहीं पाया गया। डीईओ ने छात्राओं की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए विद्यालय के संचालक एवं वार्डेन की जिम्मेवारी तय की है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण भोजन, पोशाक, पुस्तक, साफ-सफाई एवं रात्रि में समुचित प्रकाश व्यवस्था को लेकर भी जिम्मेवारी तय की गई है। वहीं, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को कहा गया है कि वे सप्ताह में कम से कम एक दिन विद्यालय का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करेंगे।
Posted By: Jagran