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अक्टूबर-नवंबर माह के वेतन भुगतान पर कुलपति दें ध्यान : प्रो. वसी अहमद

पूर्णिया विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अधिवेशन की तिथि निश्चित करने, वेतन भुगतान की अनियमितता पर विचार करने, ओरिएंटेशन एवं रिफ्रेशर कोर्स में शिक्षकों को नहीं जाने देने और औचक निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों को भयक्रांत करने के विषय पर विचार करने के लिए तदर्थ शिक्षक संघ की एक आम बैठक 16 दिसंबर को 11 बजे दिन में पूर्णिया में होगी।


बैठक में पूर्णिया विवि के सभी अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षक संघ के सदस्य शामिल होंगे। बैठक में विवि की वर्तमान स्थिति पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए आगे की रणनीति तय की जाएगी। पूर्णिया विवि तदर्थ शिक्षक संघ के संयोजक प्रो. वसी अहमद ने ये बातें कहीं। प्रो. वसी अहमद ने कहा कि औचक निरीक्षण के नाम पर पूर्णिया विवि के वर्तमान कुलपति तानाशाही रवैया अपनाते हुए शिक्षकों को भयक्रांत करने की कोशिश कर रहे हैं। शिक्षक संघ के सदस्य इसका विरोध करते हैं। उनका कहना है कि महाविद्यालय के पठन पाठन को प्रभावित किया जा रहा है। इसलिए कुलपति को विवि के अक्टूबर नवंबर माह के वेतन भुगतान को सुनिश्चित करने पर ध्यान देना चाहिए। बिहार के सभी विवि में अक्टूबर नवंबर का भुगतान किया जा चुका है।

जबकि पूर्णिया विवि में अगस्त सितंबर माह का वेतन भुगतान भी दीपावली और छठ जैसे महापर्व के बीत जाने के बाद किया गया। उसी तरह शिक्षकों की प्रोन्नति और उसकी शैक्षणिक गुणवत्ता के विकास के लिए विवि अनुदान आयोग द्वारा चलाए जा रहे ओरिएंटेशन एवं रिफ्रेशर कोर्स में यहां के शिक्षकों को नहीं जाने दिया जाना उनकी तानाशाही रवैये को दर्शाता है। तदर्थ शिक्षक संघ के संयोजक प्रो वसी अहमद ने कहा कि सबसे गंभीर मुद्दा यह है कि भूपेंद्र नारायण मंडल विवि मधेपुरा और पूर्णिया विवि के आपसी विवाद के कारण पूर्णिया प्रमंडल के छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। स्नातक प्रथम एवं द्वितीय खंड के परीक्षा फल की घोषणा में होने वाले विलंब का मामला हो या सत्र 2017-18 के स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा का फॉर्म भरने का मामला हो, यह विवि के लिए चिंता का विषय है।

क्योंकि भूपेंद्र नारायण मंडल विवि मधेपुरा ने कोशी प्रमंडल में सत्र 2017-18 के स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है। जबकि पूर्णिया प्रमंडल के छात्रों का अब तक फॉर्म नहीं भरा गया है। ऐसे में पूर्णिया प्रमंडल के छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। संयोजक का कहना है कि विवि महाविद्यालय नियम अधिनियम से चलता है। तानाशाही सोच से नहीं चलता है। इसलिए कुलपति को शिक्षक, कर्मचारी और छात्र छात्राओं की समस्या के समाधान का समुचित प्रयास करना चाहिए।

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