मध्य विद्यालय में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को पिछले छह माह से वेतन का
भुगतान नहीं हो पाया है। जिसके कारण शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना
करना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं आर्थिक कठिनाई भी झेलनी पड़ रही है। बार-बार संबंधित विभाग द्वारा आश्वासन के बावजूद मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि विभाग के टाल मटोल रवैया के कारण हम लोगों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। आगे भी यही स्थिति रही तो सभी शिक्षक अपने परिवार के भरण पोषण के लिए कर्ज लेने को मजबूर हो जाएंगे। शिक्षकों का कहना है कि नियोजित शिक्षकों की माली हालत इतनी अधिक अच्छी नहीं है कि वह ज्यादा दिन तक बिना वेतन के रह सकते हैं। अधिकांश शिक्षक गरीब परिवार से आते हैं तथा उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। ऐसे में अगर विभाग द्वारा समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। तो उनके परिवार के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न होना अवश्यंभावी है। इसलिए सरकार को समय पर वेतन भुगतान की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि बच्चों को शिक्षित कर रोजगार की ओर उन्मुख करने वाले शिक्षकों को पेट भर भोजन मिल सके और मन लगाकर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सकें।
इतना ही नहीं आर्थिक कठिनाई भी झेलनी पड़ रही है। बार-बार संबंधित विभाग द्वारा आश्वासन के बावजूद मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि विभाग के टाल मटोल रवैया के कारण हम लोगों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। आगे भी यही स्थिति रही तो सभी शिक्षक अपने परिवार के भरण पोषण के लिए कर्ज लेने को मजबूर हो जाएंगे। शिक्षकों का कहना है कि नियोजित शिक्षकों की माली हालत इतनी अधिक अच्छी नहीं है कि वह ज्यादा दिन तक बिना वेतन के रह सकते हैं। अधिकांश शिक्षक गरीब परिवार से आते हैं तथा उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। ऐसे में अगर विभाग द्वारा समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। तो उनके परिवार के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न होना अवश्यंभावी है। इसलिए सरकार को समय पर वेतन भुगतान की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि बच्चों को शिक्षित कर रोजगार की ओर उन्मुख करने वाले शिक्षकों को पेट भर भोजन मिल सके और मन लगाकर बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सकें।