पटना: बिहार के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा के नाम पर सरकारी स्कूलों में केवल मजाक हो रहा है. आखिर सरकार ऐसे स्कूलों को बंद क्यों नहीं कर देती. जहां शिक्षकों की कमी है. कोर्ट की टिप्पणी के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार पर निशान साधा.
तेजस्वी ने लिखा 'पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा के नाम पर क्यों मजाक बना रखा है? सरकार स्कूलों को बंद ही क्यों नहीं कर देती? शिक्षकों के बिना बच्चे पढ़ने कहां जाएंगे?नीतीश जी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समाप्त कर दी है लेकिन फिर भी बहार है। है ना चाचा?'
पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा के नाम पर क्यों मजाक बना रखा है? सरकार स्कूलों को बंद ही क्यों नहीं कर देती? शिक्षकों के बिना बच्चे पढ़ने कहां जाएंगे?
नीतीश जी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समाप्त कर दी है लेकिन फिर भी बहार है। है ना चाचा?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 7, 2018
बता दें कि मिडिल स्कूलों के अपग्रेडेशन मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि क्या बच्चे सिर्फ परीक्षा फॉर्म भरने के लिए स्कूल जाएं. यह टिप्पणी न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की पीठ ने गुरुवार को की. कोर्ट ने कहा बच्चे शिक्षकों के बगैर कैसे पढ़ेंगे. अदालत ने कहा कि सरकार स्कूलों को अपग्रेड करने में सुस्ती दिखा रही है.
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दरअसल शेखपुरा के डीहा अरारी स्थित पहाड़पुर के मिडिल स्कूल को हाईस्कूल में अपग्रेड करने के मामले में एक याचिका डाली गई थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार की नीति निर्देश के आलोक में प्रत्येक पांच किलोमीटर पर एक हाई स्कूल होना चाहिए. जबकि यहां से दूर-दूर तक कोई सरकारी स्कूल नहीं है.
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याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सरकार ने स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए योजना बनाई है लेकिन शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. वहीं राज्य सरकार ने अपने पक्ष में कहा है कि स्कूल अपग्रेड कर दिया गया है. लेकिन शिक्षकों के पदों को नहीं भरा जा सका है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.