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डीपीई मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने एसएलपी को किया खारिज

संवाद सूत्र, हलसी (लखीसराय) : बिहार में डीपीई का कोर्स करने वाले नियोजित शिक्षकों को प्रशिक्षित शिक्षक का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंध में शिक्षकों द्वारा की गई मांग पर उच्च न्यायालय पटना ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया था।
जानकारी के अनुसार बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ राज्य इकाई द्वारा डीपीई उत्तीर्णता तिथि से प्रशिक्षित शिक्षक का दर्जा सहित अन्य सुविधा को लेकर विगत दिनों उच्च न्यायालय पटना ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया। संघ की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता सह एओआर अजय कुमार ¨सह ने केविएट दायर किया। जिसकी सुनवाई शुक्रवार 14 दिसंबर को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ में हुई। न्यायाधीश ने प्रथम सुनवाई में ही सरकार की एसएलपी को खारिज कर पटना हाईकोर्ट के न्यायिक निर्णय डीपीई उत्तीर्णता तिथि से प्रशिक्षित शिक्षक का दर्जा देने संबंधी आदेश को बरकरार रखा। सुनवाई के दौरान प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल ¨सह, प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज कुमार ¨सह, प्रदेश सचिव विपिन बिहारी भारती, प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रशांत कुमार कोर्ट रूम में मौजूद थे। ज्ञात हो कि डीपीई उत्तीर्णता तिथि से प्रशिक्षित शिक्षक का दर्जा मिलने से शिक्षकों को एरियर के तौर पर 30 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ हो पाएगा। वरीयता का लाभ भी मिल सकेगा। सुप्रीम कोर्ट से जीत मिलने एवं एसएलपी खारिज होने पर बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ लखीसराय के शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त किया है। हर्ष व्यक्त करने वाले में जिलाध्यक्ष नवीन कुमार, महासचिव बनारसी महतो, वरीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र ¨सह, सचिव संजीव कुमार, कोषाध्यक्ष सुबोध कुमार, शिक्षक नेता नंद किशोर, संतोष कुमार, ¨मटू कुमार, नितेश कुमार, पंकज कुमार, रुबिता पांडेय, सुनीता कुमारी, विनीता कुमारी आदि शामिल हैं।

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