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शिक्षकों के रवैये के विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल में की तालाबंदी, हंगामा

सिवान। प्रखंड के राजकीय मध्य पतेजी बहादुर विद्यालय में सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने शिक्षकों के रवैया से नाराज होकर विद्यालय में तालाबंदी कर दी। इसके बाद ग्रामीणों ने शिक्षकों एवं पदाधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कमरों में तालाबंदी होने के बाद सभी बच्चे बाहर बैठकर पठन-पाठन किया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि विद्यालय में शिक्षक एक तो समय पर नहीं आते हैं आते भी हैं तो बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं। कार्यालय में बैठकर गप करते हैं। बच्चे अपने अपने वर्ग में बैठकर पठन-पाठन करने के लिए शिक्षकों का इंतजार करते हैं, लेकिन शिक्षक वर्ग में नहीं जाते हैं और समय से पहले ही विद्यालय छोड़ कर चले जाते हैं। यह सिलसिला विद्यालय में लगातार तीन सालों से चल रहा है। यहां तक कि शिक्षक आपस में रोजाना मारपीट गाली गलौज भी करते हैं। मेनू के अनुसार विद्यालय में मध्याह्न भोजन भी नहीं बनाया जाता है। । इसकी शिकायत हम लोगों ने पदाधिकारी एवं पंचायत समिति के सदस्यों से कई बार की, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इन सभी समस्याओं को लेकर पूरे गांव के ग्रामीण परेशान हैं।  बच्चों का भविष्य अंधेरे में जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस विद्यालय का ताला उस समय तक नहीं खुलेगा जब तक इस विद्यालय के  शिक्षकों का तबादला नहीं हो जाता  क्योंकि इस विद्यालय में कई सालों से शिक्षक अपनी मनमानी कर आ रहे हैं। यहां के प्रधानाध्यापक की बात कोई नहीं मानता है। इन सभी समस्याओं को लेकर हम लोगों ने तालाबंदी किया है और यह तालाबंदी इसी तरह रहेगा। ग्रामीण लकी ¨सह, अकाश ¨सह, शशि कुमार, अभिमन्यु कुमार, सोनू कुमार, सुशील कुमार, दुर्गेश कुमार, जितेंद्र शर्मा, विकास गुप्ता, हिमांशु ¨सह, नितेश ¨सह, शनि ¨सह, छोटू ¨सह, भोला ¨सह सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे। इस संबंध में प्रधानाध्यापक मुन्ना कुमार गुप्ता ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा जितने भी आरोप लगाए जा रहे हैं सभी सत्य हैं। कुछ शिक्षक हैं जो समय पर नहीं आते हैं इन सभी शिकायतों को लेकर मैंने पंचायत

समिति को लिखित आवेदन दिया था। समिति द्वारा आश्वासन मिला था कि जो शिक्षक ऐसे कर रहे हैं उन लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं पदाधिकारी :
इसकी जानकारी गांव के ग्रामीणों द्वारा मिली है। ऐसे काम करने वाले शिक्षकों पर उचित कार्रवाई करने के लिए वरीय अधिकारी को पत्र लिखा जाएगा।

ग्यासुद्दीन अंसारी, बीईओ
शिक्षकों ने ग्रामीणों ने पर कराई थी प्राथमिकी दर्ज :
विद्यालय में तालाबंदी करने के बाद ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव के सैकड़ों बुजुर्ग लोगों ने इन समस्याओं को लेकर एक साल पहले विद्यालय में तालाबंदी की थी और हंगामा भी किया था,लेकिन इस विद्यालय के सभी शिक्षकों ने मिलजुल कर ग्रामीणों पर गलत आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। उस समय भी पदाधिकारियों ने ग्रामीणों को मदद करने के बजाय शिक्षकों का मदद किया था, इस दौरान गांव के 17 ग्रामीणों को नामजद बनाया गया था। इस डर से इस गांव के ग्रामीण इस विद्यालय के शिक्षकों के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाते हैं।
बच्चों ने शिक्षकों पर लगाए कई आरोप:

राजकीय मध्य विद्यालय पतेजी बहादुर में पढ़ने वाले रिशु कुमार,मनु कुमार, विपुल कुमार, सुमन कुमार, तेजप्रताप,गौतम कुमार, श्याम ठाकुर, विमलेश कुमार, शिवम कुमार, आदित्य दुबे, विशाल कुमार, राजा कुमार, अनुज कुमार,आयुष कुमार, पीयूष कुमार, ¨प्रस कुमार, आशिका कुमारी सहित सैकड़ों छात्र छात्राओं ने बताया कि इन सभी शिक्षकों के रवैया से हम लोग काफी दुखी हैं एवं हम लोगों का भविष्य खराब हो रहा है। इस विद्यालय पर जांच करने के लिए कोई अधिकारी भी नहीं आता है। हमलोगों के भविष्य के साथ सभी शिक्षक खिलवाड़ कर रहे हैं और शिक्षकों द्वारा हम लोगों को धमकाया जाता है कि विद्यालय का शिकायत किसी से नहीं करना है नहीं तो विद्यालय से नाम काट कर भगा दिया जाएगा।

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