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बिहार के 'लाल' का कमाल, महज 13 साल की आयु में ENGLISH में लिख दिया उपन्यास

जहानाबाद: जिले के एक छात्र ने कमाल कर दिया है. महज 13 साल की आयु में छात्र किशोर हर्ष राज ने अंग्रेजी भाषा में उपन्यास लिख डाला. कई बच्चों के लिए यह खेलने की उम्र होती है.
लेकिन हर्ष राज ने इस उम्र में ही बड़ा कारनामा कर अपने जिले के लोगों को हैरत में डाल दिया है. इस छात्र के द्वारा लिखे गए उपन्यास को आप भी ऑनलाइन खरीद सकते हैं.

आपको बता दें कि विशुद्ध देहाती परिवेश में रहने वाले इस बालक ने अपने कल्पना को लिपिबद्ध करके 'द लाइफ इन जंगल' नामक उपन्यास लिख डाला. सबसे हैरत की बात यह है कि इस छात्र ने गर्मियों की छुट्टी में खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. इसके बाद बिना अपने परिजन को बताए उसने इंग्लिश में एक उपन्यास लिख डाला.

शिक्षक ने किताब छपवाने की दी सलाह
सबसे पहले किशोर हर्ष राज ने अपना लेखन पूरा करने के बाद उस उपन्यास को अपने स्कूल के शिक्षक अमित सोनी को दिखाई. जिसके बाद शिक्षक को उस छात्र के लेखन में गहराई नजर आई और उन्होंने तत्काल हर्ष के पिता को फोन कर इसकी जानकारी दी. बकायदा शिक्षक ने हर्ष के पिता को उस उपन्यास को छपवा कर बाजार में उतारने की सलाह दी.

कर्ज लेकर पिता ने छपवाया उपन्यास
हर्ष ने अंग्रेजी में उपन्यास लिखकर अपने परिजन और अपने स्कूल के शिक्षक को सोचने पर मजबूर कर दिया. शिक्षक द्वारा दिए गए राय के बाद हर्ष अपने पापा से उस उपन्यास को छपवाने के लिए जिद करने लगा. लेकिन उसके पापा आर्थिक संकट से जूझ रहे थे. बावजूद इसके उन्होंने अपने रिश्तेदार से 32 हजार रुपए लेकर अपने बेटे द्वारा लिखे गए 'द लाइफ इन जंगल' नामक उपन्यास को छपवाया. इस उपन्यास को छापने में लखनऊ के एक प्रकाशन ने मदद की.

इस पृष्ठभूमि पर है ये उपन्यास
आपको बता दें कि इस उपन्यास के नायक का भी नाम हर्ष ही है. यह उपन्यास जम्मू-कश्मीर की पृष्ठभूमि पर रचा गया है. उपन्यास का नायक अपने दादा के साथ जंगल में झोपड़ी बनाकर रहता है. उसके दादा प्रतिदिन उसे एक नई कहानी सुनाते हैं. जिसके बाद वह दादा की कहानियों को सुनकर खुद किस्सागो बनने की ठान लेता है. और संघर्ष करते-करते वह लेखक के रुप में प्रतिष्ठित हो जाता है.

छात्र हर्ष का क्या है कहना
छठी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र हर्ष ने बताया कि वह अपने शिक्षक अमित सोनी और जूगल किशोर से प्रेरित हो कर उसने यह किताब लिखा. उसने कहा कि अभी वह केवल अपने पढ़ाई पर ध्यान देना चाहता है. वह गया जिले के जजबा वर्लड स्कूल का विद्यार्थी है.

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