सुपौल। अनूपलाल यादव महाविद्यालय परिसर में सोमवार को प्रो. रामचन्द्र
प्रसाद यादव की अध्यक्षता में मांगों के समर्थन में बिहार राज्य वित्तरहित
शिक्षा संयुक्त मोर्चा के बैनर तले शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों के द्वारा
सोमवार से प्रारंभ इंटर प्रायोगिक परीक्षा का अनिश्चितकालिन बहिष्कार करते
हुए धरना आयोजित की गयी। जिसमें एलएन विज्ञान इंटर महाविद्यालय के कर्मी
मौजूद थे।
मौके पर डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि जब तक हमारी मांगें समान काम के समान वेतन, महाविद्यालय का अधिग्रहण के साथ ही पांच साल के लंबित अनुदान का अविलंब भुगतान नहीं किया जाता है तब तक प्रायोगिक परीक्षा का बहिष्कार करते हुए आरपार की लड़ाई के तहत अनुमंडल कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। हमारी मांगे पूरी हो, जब तक शिक्षक भूखा है ज्ञान का सागर सूखा है आदि नारा लगाते हुए शिक्षकों ने वित्तरहित शिक्षा नीति की घोर भर्त्सना की। प्रो.अरूण कुमार ने कहा कि सरकार की शिक्षा विरोधी नीति नहीं चलेगी। वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तहत जब तक मांगे पूरी नहीं की जाती तब तक संघर्ष जारी रहेगा। मौके पर प्राचार्य जयदेव प्रसाद यादव, प्रो. मदनमोहन यादव, प्रो. प्रदीप प्रकाश, प्रो. कमलाकान्त यादव, प्रो. सत्यनारायण यादव, प्रो. महेश सर्राफ, प्रो. अनिरूद्ध यादव, प्रो. कुलानंद यादव, प्रो. राजकुमार यादव, प्रो. अफरोज आलम, प्रो. सुरेन्द्र यादव, प्रो. अमरेन्द्र यादव, प्रो. रंभा देवी, प्रो. उषा कुमार, प्रो. कौशल्यानंदन तरूण, प्रो. कामेश्वर प्रसाद यादव, प्रो. दामोदर प्रसाद यादव, प्रो. लक्ष्मी प्रसाद यादव, प्रो. शंभू कुमार मेहता, प्रो. प्रफुल कुमार, प्रधान सहायक महेन्द्र प्रसाद यादव, किसुनदयाल यादव, मृत्युंजय कुमार आदि शामिल थे।
मौके पर डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि जब तक हमारी मांगें समान काम के समान वेतन, महाविद्यालय का अधिग्रहण के साथ ही पांच साल के लंबित अनुदान का अविलंब भुगतान नहीं किया जाता है तब तक प्रायोगिक परीक्षा का बहिष्कार करते हुए आरपार की लड़ाई के तहत अनुमंडल कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। हमारी मांगे पूरी हो, जब तक शिक्षक भूखा है ज्ञान का सागर सूखा है आदि नारा लगाते हुए शिक्षकों ने वित्तरहित शिक्षा नीति की घोर भर्त्सना की। प्रो.अरूण कुमार ने कहा कि सरकार की शिक्षा विरोधी नीति नहीं चलेगी। वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तहत जब तक मांगे पूरी नहीं की जाती तब तक संघर्ष जारी रहेगा। मौके पर प्राचार्य जयदेव प्रसाद यादव, प्रो. मदनमोहन यादव, प्रो. प्रदीप प्रकाश, प्रो. कमलाकान्त यादव, प्रो. सत्यनारायण यादव, प्रो. महेश सर्राफ, प्रो. अनिरूद्ध यादव, प्रो. कुलानंद यादव, प्रो. राजकुमार यादव, प्रो. अफरोज आलम, प्रो. सुरेन्द्र यादव, प्रो. अमरेन्द्र यादव, प्रो. रंभा देवी, प्रो. उषा कुमार, प्रो. कौशल्यानंदन तरूण, प्रो. कामेश्वर प्रसाद यादव, प्रो. दामोदर प्रसाद यादव, प्रो. लक्ष्मी प्रसाद यादव, प्रो. शंभू कुमार मेहता, प्रो. प्रफुल कुमार, प्रधान सहायक महेन्द्र प्रसाद यादव, किसुनदयाल यादव, मृत्युंजय कुमार आदि शामिल थे।