शिक्षकों के वेतन को भीख की तरह या इनाम और तोहफा की तरह प्रचारित किया जाता है : आचार्य रवि

एक सोची समझी रणनीति के तहत बिहार सरकार एक तरफ शिक्षा की गुणवत्ता को गिराने के लिए निरन्तर प्रयासरत है । उदाहरण के तौर पर एम डी एम का संचालन ,नियोजन प्रक्रिया ,गैर वित्तीय कार्य ,लाखों कागजी कार्य आदि आदि ।।
केवल कागजी हवा और आँकड़ा दौर रहा है ।वास्तव में सरकार चाहती ही हैं कि बिहार के एक बड़े तबके के बच्चे केवल साक्षर बनें ।अशिक्षित तबकों पर ही इनकी राजनीति की रोटी सेंकी जाती है ।आसानी से चुनाव के समय विकास के मुद्दे गौण और जाति धर्म में बाँट कर अनन्त काल तक राज करते रहो ।
अब दूसरे पहलू पर बात करते हैं ।पिछले दो तीन दशकों में सरकार समय2 पर एक रणनीति के तहत मीडिया के माध्यम से,अपनी नियोजन प्रक्रिया और विभागीय आदेशों द्वारा शिक्षकों की गरिमा,इज्जत व् प्रतिष्ठा को मिट्टी में ही नही बल्कि गड्ढा में डाल दी है ।।नित्य नए उलूल जुलूल फरमान चाहे हालिया जीविका दीदी से निरीक्षण का निर्णय हो या 32 वर्गों में बांटने का निर्णय हो । हर निर्णय शिक्षकों की गरिमा को ध्वस्त करता चला गया है और हमलोग भी काफी सज्जन हैं चुपचाप स्वीकार करते गये और अपने आप को बचाने का आसान रास्ता खोजते चले गए ।।
वेतन को भीख की तरह या इनाम और तोहफा की तरह प्रचारित किया जाता है जिससे जनता समझ जाए कि सरकार कितने हजार करोड़ कब शिक्षकों को भीख दे रही है ।हमलोगों की मानसिकता भी ढल गयी है और नए लोगों की ढलती जा रही है ।राशि स्वीकृत होने का पता लगाते रहते है ,कब जिला में आएगा और कब खाते में ।हर समाचार ख़ुशी2 बाँटते रहते हैं क्योंकि भाई हम शिक्षक हैं काफी सहनशील ।पढ़े लिखे ,उच्च योग्यता धारी और कुशल लोग अगर कह दें कि शिक्षक हैं तो काफी शंकालु व् आश्चर्यजनक भाव से देखते हैं जैसे योग्य लोगों के लिए यह पेशा नही है । कुछ तो व्यंग्य भी करते हैं कि इतना पढ़ लिखकर आप शिक्षक बन गए ,कुछ और का तैयारी कीजिये ।।मतलब यहाँ हमारे समाज की मानसिकता को सरकार ने ला दिया कि योग्य लोगों के लिए शिक्षक बनना गुनाह है ।
मरे हुए को भी मारने से सरकार नही चूक रही हैं । नीचे का न्यूज़ देखिये कि अब पूरे प्रदेश व् देश में एक सन्देश दे दी है कि अब जनता का पैसा यानि अभिभावकों को मिलने वाले पैसे से शिक्षकों का वेतन देंगे ।मतलब हर अनपढ़,कम पढ़े लिखे और पढ़े लिखे अवसरवादी जन भी शिक्षकों को सरेआम गाली देंगे कि हम्मर पईसा से ई मास्टरबा सबका घर चल रहा है या हम्मर पैसा बन्द करवाकर अपना वेतन लेता है ।हर कदम पर जलील होने का रास्ता खोल दिया है । फिर भी हमलोग शिक्षक हैं काफी सहनशील हैं सर झुका कर ,गाली सुनकर सामंजस्य बैठा लेंगे । विरोध नही कर सकते है क्योंकि हमने अपनी लड़ाई ,प्रतिष्ठा सब नेताजी लोग के भरोसे छोड़ रखे हैं ।।स्वभावगत शिक्षक राजनीति के वर्त्तमान स्वरूप व् कार्यशैली में मैं फिट नही बैठता किन्तु चुप भी नही रहा जाता है ।।सरकार की ऐसी नीतियों के खिलाफ हर तरह से आवाज उठाता रहूँगा ।।आपलोग भी इस पोस्ट में सारगर्भित बातों को गम्भीरता से पढ़कर अपने2 विचार प्रकट करें ।
आपका मित्र
आचार्य रवि
मुजफ्फरपुर ।

Recent Articles


teacher recruitment , primary teacher vacancy , samvida shikshak , shikshak bharti , shikshak shikshak , atithi shikshak , shikshak bharti 2019 , shikshak bharti news today , shikshak bharti application , pavitra portal shikshak bharti 2019 , shikshak bharti merit list , shikshak bharti qualification , prathmik shikshak bharti , sahayak adhyapak bharti 2019 , sahayak adhyapak bharti pariksha 2019 , sahayak adhyapak bharti news , sahayak adhyapak bharti latest news , 12460 sahayak adhyapak bharti counselling , sahayak adhyapak bharti news today