औरंगाबाद । कालेजों में उच्च शिक्षा का हाल बेहाल है। छात्रों की संख्या बढ़ रही है, परंतु शिक्षक घटते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि छात्र कालेज तो आते हैं, परंतु पढ़ाई नहीं होने पर निराश हो घर लौट जाते हैं। रामलखन सिंह यादव कालेज में शिक्षकों के नहीं रहने के कारण शैक्षणिक व्यवस्था कोमा में चली गई है। कालेज में छात्रों की संख्या चार हजार के पार है, परंतु शिक्षक मात्र सात हैं।
अग्रवाल कमेटी की अनुशंसा के बाद कालेज के अधिकांश शिक्षक हटा दिए गए। करीब 45 शिक्षक कालेज से हटा दिए गए। सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया है, परंतु अब तक शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया है। कालेज की स्थिति यह है कि सात प्रमुख विभागों में एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। बिना शिक्षक के मनोविज्ञान, भूगोल, प्राचीन इतिहास, इतिहास, परसियन, अर्थशास्त्र एवं अन्य विभाग चल रहा है। मनोविज्ञान में करीब 700 छात्र हैं परंतु पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। यही हाल इतिहास एवं भूगोल का है। हिंदी विभाग का हाल अत्यंत बेहाल है। हिंदी राष्ट्रभाषा है परंतु इस कालेज में इस भाषा के एक भी शिक्षक कार्यरत नहीं हैं। कालेज में नामांकन कराने वाले छात्र सिर्फ परीक्षा का फार्म भरने आते हैं। सात शिक्षक चार हजार छात्रों को कैसे शिक्षा देंगे सोचा जा सकता है।
एमसीए की चल रही परीक्षा
कालेज में सोमवार को एमसीए एवं एमबीए की परीक्षा चल रही थी। शांतिपूर्ण माहौल में छात्र परीक्षा दे रहे थे। प्रो. बच्चूलाल सिंह ने बताया कि कदाचारमुक्त परीक्षा चल रही है।
इंटर का चल रहा नामांकन
कालेज में इंटर का नामांकन चल रहा है। छात्र नामांकन के लिए आवेदन दे रहे हैं। छह जून से पांच जुलाई तक नामांकन फार्म भरा जाएगा। इंटर साइंस में 880 एवं इंटर कला में 512 पद स्वीकृत हैं। स्नातक कला में सीटों की संख्या कुल 800 एवं स्नातक साइंस में 640 पद स्वीकृत है। वर्ग कक्ष कुल 11 है।
शिक्षकों की है कमी
कालेज में उपस्थित प्रो. महाराज सिंह, प्रो. बच्चूलाल सिंह एवं बड़ा बाबू रामचंद्र सिंह ने बताया कि कालेज में शिक्षकों की कमी है। यूं कहने को कालेज है परंतु शिक्षक नहीं हैं। कालेज में शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का स्वीकृत पद 54 है परंतु कार्यरत मात्र 26 हैं।
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