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छात्र और शिक्षक बंक नहीं कर पाएंगे स्कूल

PATNA : कॉलेजों में शिक्षक और छात्र अपनी मर्जी से अनुपस्थित नहीं हो सकेंगे। वहां बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था की जा रही है। विश्वविद्यालयों में शिक्षक कम से कम पांच घंटे रहें इसके लिए पूर्व में शिक्षकों की बायोमीट्रिक हाजिरी का प्रस्ताव तैयार किया गया था।
अब बायोमीट्रिक हाजिरी के दायरे में छात्रों को लाने की योजना है। विश्वविद्यालय में छात्रों की सालाना उपस्थिति कम से 7भ् प्रतिशत हो सके, इसके लिए सरकार यह बड़ा कदम उठाने जा रही है।
शिक्षकों की उपस्थिति बना मुद्दा
पिछले महीने राजभवन में बुलाई गई बैठक में सरकार ने कॉलेज में शिक्षकों की उपस्थिति का मुद्दा उठाया था। सरकार की दलील थी कि विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के वेतन और अन्य सुविधा मद में सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है। बावजूद विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति नगण्य रहती है।
छात्र भी नदारद रहते हैं क्लास से
मामले की गंभीरता को देखते हुए कुलाधिपति को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और बैठक के तत्काल बाद कुलाधिपति का निर्देश हुआ कि विश्वविद्यालय में शिक्षक कम से कम पांच घंटे रहे। लेकिन हाल ही में एक अन्य समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग के सामने यह मसला लाया गया कि शिक्षकों की भांति छात्र भी पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं हैं। नतीजा क्लास में उनकी उपस्थिति भी बेहद कम रहती है.
क्लास के स्तर पर दर्ज होगी हाजिरी
फिलहाल पटना और मगध विश्वविद्यालय में प्रयोग के तौर पर यह व्यवस्था बहाल की जाएगी। बायोमीट्रिक हाजिरी क्लास के स्तर पर होगी। एक ही मशीन में छात्र भी अटेंडेंस दर्ज कराएंगे और शिक्षक भी। जिसका रिकॉर्ड कुलपति कार्यालय के पास रहेगा। सरकार आवश्यकता के आधार पर इसका अध्ययन कर सकेगी।
योजना का मकसद
- साल भर में कम से कम 7भ् फीसद रहे छात्रों की उपस्थिति
- छात्रों की क्लास में उपस्थिति का पता चलेगा
- शिक्षक कितनी देर रहे कॉलेज में और कितने क्लास लिए इसका भी आकलन होगा
- कुलाधिपति भी चाहते हैं शिक्षक- छात्रों की उपस्थिति कॉलेजों में बढ़ाई जाए
- फिलहाल प्रयोग के तौर पर दो विश्वविद्यालयों में बहाल होगी व्यवस्था

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