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नियोजन के लिए विचार करने के राज्य सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

पटना. पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले से यह स्पष्ट किया है कि राज्य में प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए केवल दो वर्षीय डीएलएड पास प्रशिक्षित अभ्यार्थियों पर ही विचार करने का राज्य सरकार का आदेश भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है। बता दें कि शिक्षा विभाग से 17 दिसम्बर 2019 को जारी किए गए एक
सरकारी आदेश से यह निर्णय लिया था कि सूबे के प्राथमिक स्कूलों (क्लास एक से पांच तक ) के शिक्षक नियोजन में केवल दो वर्षीय डीएलएड पास प्रशिक्षित शिक्षकों की ही नियुक्ति की जाएगी और डीएलएड पास अभ्यार्थियों के अनुपलब्धता में ही स्नातक अभ्यार्थियों के नियोजन पर विचार किया जाएगा।
पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के ऐसे आदेश को प्रथम दृष्टया भेदभावपूर्ण करार देते हुए उसे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करते हुए पाया। न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने हेमन्त कुमार व अन्य अभ्यार्थियों की तरफ से दायर रिट याचिका को सुनते हुए राज्य सरकार के 17 दिसम्बर 2019 के विभागीय आदेश पर रोक लगा दिया है। साथ ही राज्य सरकार को इस मामले में 7 सितम्बर तक जवाब देने का भी निर्देश दिया गया।

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