पटना. बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थी भी कक्षा 1 से 5 तक
में शिक्षक बन सकते हैं। इन कक्षाओं के लिए 2 वर्षीय डीएलएड अभ्यर्थियों को
प्राथमिकता देने वाले अपने 17 दिसंबर 2019 के आदेश को स्थगित कर दिया। इस
संबंध में शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने बुधवार को अधिसूचना जारी
की।
हाईकोर्ट ने डीएलएड वालों को प्राथमिकता देने पर जवाब मांगते हुए इस पर रोक लगा दी थी। विभागीय अधिकारी का कहना है कि हाईकोर्ट में विभाग इस मामले पर अपना पक्ष रखेगा। शिक्षा विभाग द्वारा डीएलएड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता वाला आदेश वापस लेने से नियोजन इकाइयों में बीएड और डीएलएड वाले अभ्यर्थियों की अलग-अलग सूची नहीं बनेगी। पहले विभाग ने सभी जिलों को यह आदेश दिया था कि कक्षा 1 से 5 तक में शिक्षकों के पद पर 2 वर्षीय डीएलएड वालों रखना है। डीएलएड अभ्यर्थी नहीं मिलने पर ही बीएड वालों पर विचार होगा।
71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में 90763 प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया जारी रखने के लिए विभाग ने यह फैसला लिया। दिसंबर 2019 में एनआईओएस से 18 माह के डीएलएड सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मौका देने के मामले पर भी शिक्षा विभाग कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। विभाग का तर्क है कि 2019 जुलाई में नियोजन शुरू की गई। ऐसे में इन्हें कैसे मौका दिया जा सकता है। हालांकि इस पर विभाग अंतिम निर्णय लेकर कोर्ट में पक्ष रखेगा। एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से 15 जून से 14 जुलाई तक आवेदन लिया जा रहा है।
नियोजन शेड्यूल-
प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक रिक्ति
दरभंगा में सबसे अधिक 8244 है। शिवहर में सबसे कम 337 पद रिक्त हैं। मुजफ्फरपुर 4806, गया 2502, पटना 2272 और भागलपुर में 2012 रिक्ति है। कक्षा 5 तक की कक्षाओं के लिए सामान्य विषयों में 46870 पद रिक्ति हैं। उर्दू शिक्षकों के 14662 और बंगला के 135 पद की रिक्ति बतायी गई है। कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाओं के लिए गणित व विज्ञान विषय के 6919, हिन्दी 5734, संस्कृत 4499, अंग्रेजी 3687, उर्दू 2739 और सामाजिक विज्ञान में 2536 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।
हाईकोर्ट ने डीएलएड वालों को प्राथमिकता देने पर जवाब मांगते हुए इस पर रोक लगा दी थी। विभागीय अधिकारी का कहना है कि हाईकोर्ट में विभाग इस मामले पर अपना पक्ष रखेगा। शिक्षा विभाग द्वारा डीएलएड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता वाला आदेश वापस लेने से नियोजन इकाइयों में बीएड और डीएलएड वाले अभ्यर्थियों की अलग-अलग सूची नहीं बनेगी। पहले विभाग ने सभी जिलों को यह आदेश दिया था कि कक्षा 1 से 5 तक में शिक्षकों के पद पर 2 वर्षीय डीएलएड वालों रखना है। डीएलएड अभ्यर्थी नहीं मिलने पर ही बीएड वालों पर विचार होगा।
71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में 90763 प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया जारी रखने के लिए विभाग ने यह फैसला लिया। दिसंबर 2019 में एनआईओएस से 18 माह के डीएलएड सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मौका देने के मामले पर भी शिक्षा विभाग कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। विभाग का तर्क है कि 2019 जुलाई में नियोजन शुरू की गई। ऐसे में इन्हें कैसे मौका दिया जा सकता है। हालांकि इस पर विभाग अंतिम निर्णय लेकर कोर्ट में पक्ष रखेगा। एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से 15 जून से 14 जुलाई तक आवेदन लिया जा रहा है।
नियोजन शेड्यूल-
- आवेदन की तिथि-15 जून से 14 जुलाई
- मेधा सूची की तैयारी 18 जुलाई तक
- मेधा सूची का नियोजन इकाई द्वारा अनुमोदन 21 जुलाई तक
- मेधा सूची का प्रकाशन 23 जुलाई तक
- मेधा सूची पर आपत्ति 24 जुलाई से 7 अगस्त तक
- आपत्तियों का निराकरण 10 अगस्त तक
- मेधा सूची का अंतिम प्रकाशन 12 अगस्त तक
- जिला द्वारा मेधा सूची का अनुमोदन 13 अगस्त से 22 अगस्त तक
- मेधा सूची का सार्वजनीकरण 25 अगस्त तक
- काउंसलिंग व चयन सूची का निर्माण 28 अगस्त को
- चयनित अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र 31 अगस्त 2020 तक
प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक रिक्ति
दरभंगा में सबसे अधिक 8244 है। शिवहर में सबसे कम 337 पद रिक्त हैं। मुजफ्फरपुर 4806, गया 2502, पटना 2272 और भागलपुर में 2012 रिक्ति है। कक्षा 5 तक की कक्षाओं के लिए सामान्य विषयों में 46870 पद रिक्ति हैं। उर्दू शिक्षकों के 14662 और बंगला के 135 पद की रिक्ति बतायी गई है। कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाओं के लिए गणित व विज्ञान विषय के 6919, हिन्दी 5734, संस्कृत 4499, अंग्रेजी 3687, उर्दू 2739 और सामाजिक विज्ञान में 2536 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।