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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी समय है, आयोग अपनी तैयारी कर रहा: श्रीनिवासन

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कोविड- 19 महामारी के बीच चुनाव आयोग अपनी तैयारी कर रहा है। पिछला विधानसभा चुनाव 9 सितंबर 2015 को घोषित किया गया था। यह जुलाई है, इसलिए अभी हमारे पास काफी समय है। ये बातें बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एचआर श्रीनिवासन ने कही।

उन्होंने कहा कि बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां इस वर्ष कोरोना महामारी के बीच विधानसभा चुनाव है। हालाँकि, इससे पहले बिहार में आठ सीटों के लिए बिहार विधान परिषद के स्नातक और शिक्षकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक और चुनाव है। इसका अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ये आठ सीटें मई में खाली हो गई थीं।
सीईओ श्रीनिवासन ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस समय कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने के लिए सभी तैयारियां चल रही थी। अब चुनाव आयोग को फैसला लेना है।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने महामारी की स्थिति में चुनाव के दौरान प्रचार करने के तरीके पर सभी राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सामाजिक दूरी की मांग की गई थी। कहा कि बैठक के दौरान जो भी सुझाव आए हैं वे सभी चुनाव आयोग को बताए गए हैं।
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने एक साक्षात्कार में कहा था कि चुनाव संबंधी सभी निर्देशों और प्रक्रियाओं को आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुसार महामारी के दौरान सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त रूप से संशोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि बिहार चुनाव में देरी को लेकर अभी तक कोई योजना नहीं है।
सीईओ ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी सभी जिलों में पहुंच गए हैं और रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) का प्रशिक्षण गुरुवार से शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनरों का राज्यस्तरीय ट्रेनिंग बुधवार को संपन्न हुआ। हम सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुसार कर रहे हैं।
चुनाव में देरी या स्थगित करने के लिए कोई अनुरोध प्राप्त हुआ था, इस पर, श्रीनिवासन ने कहा कि यह कुछ व्यक्तियों से आया था, लेकिन किसी राजनीतिक दल से नहीं। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों से मिले सुझावों को चुनाव आयोग के पास भेज दिया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं, लेकिन मुख्य राजनीतिक दल पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य तकनीकी  माध्यम से जनता तक अपनी पहुंच बना रहे हैं।
बिहार विधान परिषद की आठ सीटों के लिए होने वाले चुनावों के बारे में श्रीनिवासन ने कहा कि इसके बारे में राज्य सरकार के अनुरोध को चुनाव आयोग को भेज दिया गया था। ये सीटें लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही लगभग तीन माह पहले खाली हो गई थीं।

हालांकि, चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि राज्य में चुनाव कई वजहों से एक बड़ी परीक्षा साबित होगी। दरअसल ये चुनाव एक जन संपर्क कार्यक्रम और बिहार जैसे राज्य में उच्च जनसंख्या घनत्व और अशिक्षा, सामाजिक दूरी बनाए रखना और व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रमों से बचना एक बड़ी चुनौती होगी। इसलिए इसबार बूथों की संख्या में काफी वृद्धि हो सकती है और मतदान केंद्रों पर संपर्क की संभावना को कम करने के लिए अन्य उपायों को अपनाया जा सकता है।

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