दरभंगा. पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को आॅल
इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां ने प्राइवेट स्कूल की मनमानी व जबर्दस्ती फीस
वसूली के विरोध में प्रतिवाद मार्च निकाला। प्रतिवाद मार्च लालबाग से पैदल
चल कर पूनम सिनेमा रोड होते हुए मिर्जापुर, खानकाह चैक होते हुए नाका नं. 5
पर पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया। प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व बेदारी
कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम ने की। आंदोलनकारियों ने प्रतिवाद मार्च के बाद
नाका नं.-5 पर ही बिहार के मुखिया नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री, बिहार एवं
प्राइवेट स्कूल संचालकों का पुतला दहन कर अपने गुस्से का इजहार किया।
हम लोगों ने आन्दोलन की हल्की सी झलकी दिखाए हैं। हमारी मांग है कि सभी प्राइवेट स्कूल के मालिक मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक की हर तरह की छात्रों की फीस माफ करें। हमारी मांग यह भी है कि दोबारा नामांकन के नाम पर जा मोटी राशि ली जाती है। इस कोरोना महामारी को देखते हुए उसे भी माफ किया जाए। बाहर के छात्र जो किराए के मकान में रहकर शिक्षा हासिल कर रहे हैं ऐसे छात्रों के मकान मालिक से हमलोग आग्रह करते हैं कि वह भी इस महामारी को देखते हुए मकान का किराया नहीं लें।
साफ तौर पर कहा कि अगर इस गंभीर मामले का हल सरकार, स्कूल मालिक और स्कूल यूनियन ने अविलंब नहीं किया और फीस माफी का एलान नहीं किया तो आगे चरणबद्ध आन्दोलन करेंगे। तब तक यह आन्दोलन करते रहेंगे जबतक स्कूल माफिया अपनी मनमानी और गैरकानूनी राशि उगाही का कारोबार बंद नहीं कर लेते। स्कूल वाले इन दिनों फीस वसूली के लिए शिक्षकों की तन्खा को ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं। वह शिक्षकों को उसी अनुपात में तन्खा देते हैं जिस अनुपात में फीस वसूली करते हैं।
अगर जवाब हां में है तो उन्हें फीस लेने का हक हासिल है और अगर नहीं में है तो फिर शिक्षकों का शोषण करके जमा किए गए खजाना से ही शिक्षकों को तन्खा दें। उनके नाम का इस्तेमाल करके लूटने की कोशिश न करें। इस अवसर पर बेदारी कारवां के महासचिव मोतिउर रहमान, राहत अली (प्रवक्ता), हीरा नेजामी, वसीम अहमद, हसनैन बाबा, मो. तालिब, अधिवक्ता सफिउर रहमान राईन, मो. जियाउर रहमान, मुन्ना भाई, मो. कलीम, एजाज कुरैशी, नेयाज अहमद, अरमान, सोनू कुमार, राजन आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
हम लोगों ने आन्दोलन की हल्की सी झलकी दिखाए हैं। हमारी मांग है कि सभी प्राइवेट स्कूल के मालिक मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक की हर तरह की छात्रों की फीस माफ करें। हमारी मांग यह भी है कि दोबारा नामांकन के नाम पर जा मोटी राशि ली जाती है। इस कोरोना महामारी को देखते हुए उसे भी माफ किया जाए। बाहर के छात्र जो किराए के मकान में रहकर शिक्षा हासिल कर रहे हैं ऐसे छात्रों के मकान मालिक से हमलोग आग्रह करते हैं कि वह भी इस महामारी को देखते हुए मकान का किराया नहीं लें।
साफ तौर पर कहा कि अगर इस गंभीर मामले का हल सरकार, स्कूल मालिक और स्कूल यूनियन ने अविलंब नहीं किया और फीस माफी का एलान नहीं किया तो आगे चरणबद्ध आन्दोलन करेंगे। तब तक यह आन्दोलन करते रहेंगे जबतक स्कूल माफिया अपनी मनमानी और गैरकानूनी राशि उगाही का कारोबार बंद नहीं कर लेते। स्कूल वाले इन दिनों फीस वसूली के लिए शिक्षकों की तन्खा को ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं। वह शिक्षकों को उसी अनुपात में तन्खा देते हैं जिस अनुपात में फीस वसूली करते हैं।
अगर जवाब हां में है तो उन्हें फीस लेने का हक हासिल है और अगर नहीं में है तो फिर शिक्षकों का शोषण करके जमा किए गए खजाना से ही शिक्षकों को तन्खा दें। उनके नाम का इस्तेमाल करके लूटने की कोशिश न करें। इस अवसर पर बेदारी कारवां के महासचिव मोतिउर रहमान, राहत अली (प्रवक्ता), हीरा नेजामी, वसीम अहमद, हसनैन बाबा, मो. तालिब, अधिवक्ता सफिउर रहमान राईन, मो. जियाउर रहमान, मुन्ना भाई, मो. कलीम, एजाज कुरैशी, नेयाज अहमद, अरमान, सोनू कुमार, राजन आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।