सिटी पोस्ट लाइव : बिहार
के लाखों नियोजित शिक्षकों की सबसे बड़ी मांग अब पूरी होनेवाली है.बिहार
सरकार ने सेवा नियमावली बनाने की मांग सरकार ने पूरी कर ली है.राज्य सरकार
अब सेवा शर्त लागू करने वाली है. गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish
Kumar) की अध्यक्षता में कैबिनेट ने सेवा शर्त के लिए गठित कमिटी के
पुनर्गठन पर मुहर लगा दी है. माना जा रहा है कि चुनावी साल है, इसलिए नीतीश
सरकार 15 अगस्त तक सेवा शर्त लागू करेगी और नियोजित शिक्षकों की वर्षों की
मांग पूरी होगी.
गौरतलब है कि 11
अगस्त 2015 को ही नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवा शर्त
निर्माण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी का गठन हुआ था. सेवा
शर्त (Service condition) तैयार करनेवाली कमिटी में वित्त विभाग, नगर
विकास, पंचायती राज, सामान्य प्रशासन, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और
महाधिवक्ता शामिल थे. इस कमिटी के सहयोग के लिए एक उपसमिति का भी गठन किया
गया था. कमिटी और उपसमिति के गठन के बाद कई बैठकें भी हुई थी और उपसमिति
के सदस्यों ने कई राज्यों के नियोजित शिक्षकों की सेवाशर्त का अध्धयन भी
किया था. साथ ही शिक्षक संघ का भी पक्ष लिया था जिसके आधार पर ड्राफ्ट
बनाया गया था.
अब कमिटी के पुनर्गठन पर
मुहर लगने के बाद बिहार के प्रारम्भिक से लेकर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक
नियोजित शिक्षकों के लिये सेवाशर्त लागू होने का रास्ता साफ हो गया है.
माना जा रहा है कि चुनावी साल है, इसलिए नीतीश सरकार 15 अगस्त तक सेवा शर्त
लागू करेगी और नियोजित शिक्षकों की वर्षों की मांग पूरी होगी. सेवा शर्त
लागू होते ही नियोजित शिक्षकों को तबादला, प्रोन्नति, एसीपी लाभ, सेवांत
लाभ, पेंशन, भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, ग्रुप इंश्योरेंस समेत अनुकंपा का
लाभ मिलने लगेगा.
सेवा शर्त की कमिटी
के पुनर्गठन पर शिक्षक संघ के नेता पूर्व विधान पार्षद केदारनाथ पाण्डेय ने
संतोष जताते हुए कहा कि ये तीन साल पहले ही हो जाना चाहिए थ.अगर ऐसा हुआ
होता तो अभी तक लाखों शिक्षकों को प्रोन्नति के साथ स्थानांतरण का लाभ मिल
जाता. सरकार देर आई लेकिन दुरुस्त आई.उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों के
लिए सेवा शर्त लागू अब हो जाएगा.इससे शिक्षकों को बहुत लाभ होगा.