बिहार सरकार के वेतन नीति के धज्जी उड़ावत
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार के पुछलस कि बिना कवनो ज़िम्मेदारी वाला एगो चपरासी
के वेतन जदी 36 हज़ार रुपया बा त शिक्षक के वेतन 26 हज़ार रुपया काहें बाटे?
'बरोबरी काम, बरोबरी वेतन' (समान काम, समान वेतन) से जुडल बिहार के नियोजित शिक्षक के मांग से जुडल मामला के सुनवाई करत सुप्रीम कोर्ट कहलस कि जवन शिक्षक छात्र के भविष्य तय करेले, जेकरा कंधा प देश के भविष्य के ज़िम्मेदारी बा, ओ शिक्षक के वेतन एगो चपरासी से भी कम काहें बा?
ए मामला में बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार के अध्यक्षता में बनल समिति के रिपोर्ट प नाराजगी बतावत अदालत कहलस कि चपरासी के कवनो प्रकार के जवाबदेही नईखे, ना ओकरा प कवनो जिम्मेवारी बा, तबहूँ ओकर वेतन 36 हज़ार बा, लेकिन शिक्षक के 26 हज़ार के वेतन काहें बा?
एकरा से पहिले गुरुवार के भईल सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ए मामला में आपन पक्ष के रखलस अवुरी वेतन बढ़ावे से जुडल मामला अवुरी नियम के जानकारी देलस।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के ओर से दाखिल ये याचिका के पहिला सुनवाई 29 जनवरी के भईल रहे अवुरी आज ए मामला के दुसरका तारीख रहे। अब ए मामला के अगिला सुनवाई 27 मार्च के होई।
अदालत के टिप्पणी प बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय राज्य सरकार प निशासन सधले अवुरी कहले कि बिहार सरकार शिक्षक के संगे अन्याय कईले बिया अवुरी लगातार करतिया।
उ कहले कि जब शिक्षक के वेतन चपरासी से भी कम होई त पूर्ण शिक्षा अवुरी बढ़िया शिक्षा के बात कईल अपने आप में बेईमानी बा। अदालत प भरोसा जतावता केदार पांडेय कहले कि ए मामला में बिहार सरकार के हार तय बा।
'बरोबरी काम, बरोबरी वेतन' (समान काम, समान वेतन) से जुडल बिहार के नियोजित शिक्षक के मांग से जुडल मामला के सुनवाई करत सुप्रीम कोर्ट कहलस कि जवन शिक्षक छात्र के भविष्य तय करेले, जेकरा कंधा प देश के भविष्य के ज़िम्मेदारी बा, ओ शिक्षक के वेतन एगो चपरासी से भी कम काहें बा?
ए मामला में बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार के अध्यक्षता में बनल समिति के रिपोर्ट प नाराजगी बतावत अदालत कहलस कि चपरासी के कवनो प्रकार के जवाबदेही नईखे, ना ओकरा प कवनो जिम्मेवारी बा, तबहूँ ओकर वेतन 36 हज़ार बा, लेकिन शिक्षक के 26 हज़ार के वेतन काहें बा?
एकरा से पहिले गुरुवार के भईल सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ए मामला में आपन पक्ष के रखलस अवुरी वेतन बढ़ावे से जुडल मामला अवुरी नियम के जानकारी देलस।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के ओर से दाखिल ये याचिका के पहिला सुनवाई 29 जनवरी के भईल रहे अवुरी आज ए मामला के दुसरका तारीख रहे। अब ए मामला के अगिला सुनवाई 27 मार्च के होई।
अदालत के टिप्पणी प बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय राज्य सरकार प निशासन सधले अवुरी कहले कि बिहार सरकार शिक्षक के संगे अन्याय कईले बिया अवुरी लगातार करतिया।
उ कहले कि जब शिक्षक के वेतन चपरासी से भी कम होई त पूर्ण शिक्षा अवुरी बढ़िया शिक्षा के बात कईल अपने आप में बेईमानी बा। अदालत प भरोसा जतावता केदार पांडेय कहले कि ए मामला में बिहार सरकार के हार तय बा।