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समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों की बल्ले-बल्ले

भोजपुर। समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर पिछले दस सालों से संघर्षरत नियोजित शिक्षकों की अब बल्ले-बल्ले है। गुरुवार का दिन गुरुजी के लिए खास सौगात लेकर आया। इस मसले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नियोजित शिक्षकों ने यहां एक साथ होली व दिवाली मनाई।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार की तमाम दलीलों व प्रस्तावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि शिक्षा जैसे अहम मसले की अनदेखी नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने अपने इस अहम फैसले में न केवल शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देने संबंधी पटना हाईकोर्ट के निर्णय को लागू करने का निर्देश दिया बल्कि यह भी कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार गत 2009 से बकाया राशि का भुगतान सरकार कैसे करेगी यह केंद्र व राज्य सरकार मिलकर तय करें और इसकी जानकारी आगामी 27 मार्च को कोर्ट को दे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्साहित नियोजित शिक्षकों ने बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गोरख नाथ ¨सह उर्फ अरूण कुमार ¨सह व सचिव महिपाल ¨सह की अगुवाई में यहां जमकर जश्न मनाया। सैकड़ों की संख्या में स्थानीय बीआरसी में जुटे नियोजित शिक्षकों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि यह शिक्षकों की एकजुटता व उनके अथक संघर्ष की जीत है। इस दौरान जमकर आतिशबाजी हुई और खूब अबीर गुलाल उडे़। उधर इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने दिल्ली गये बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार मंटू, सचिव राजेश कुमार, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार व हरेंद्र ¨सह ने फोन पर शिक्षक साथियों को बधाई दी। शिक्षक नेताओं ने इस जीत को सभी नियोजित शिक्षकों के सहयोग का प्रतिफल बताया। यहां जश्न में शामिल नियोजित शिक्षकों में सुनील कुमार ¨सह, संतोष कुमार, रणजय कुमार, अशोक कुशवाहा, धनंजय कांत, अनुपम ¨सह चौहान, राजेश कुमार, कामेश्वर पासवान, धर्मेन्द्र यादव, राघवेंद्र ¨सह, राकेश कुमार ¨सह, रजनीश तिवारी, चंद्रभानू पांडेय, विभूति नारायण निराला, रवींद्र राय, रवींद्र कुमार, विमल कुमार, रणजय कुमार, अशोक कुमार, शिव कुमार ¨सह, स्वर्णलता कुमार, कुमारी बैजंयती, प्रीति ¨सह आदि प्रमुख थे। इधर माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता मृत्युंजय कुमार पांडेय, सचिव भीम राय, राजेश कुमार, राज कुमार आदि ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए इसे नियोजित शिक्षकों के संघर्ष की जीत बताया।

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