शिक्षा का बेड़ा गर्क करने में बड़े -बड़े सफेदपोश शामिल है......
सबसे पहला नंबर लालू जी का है, अपने शासन में और राबड़ी जी के शासन में बिहार की शिक्षा दयनीय स्थिति में थी, जिसकी भरपाई के लिए चरवाहा विद्यालय खोले गए थे.
दूसरे नंबर पर माननिये मुख्यमंत्री नितीश कुमार है, शिक्षा की गुणवत्ता से दूर तक कोई वास्ता नहीं,वोट बैंक के लिए लोकलुभवन योजनाएं चलाये गए, शिक्षकों के भर्ती के नाम पर अयोग्य,फ़र्ज़ी,शिक्षकों की बहाली की गयी. व्यापक रूप से मुखिया से लेकर जिला परिषद् अध्यक्ष तक पैसो के दम पर शिक्षकों की बहाली की, क्या इस बात की खबर मुखयमंती को नहीं ?
तीसरे नंबर पर वर्तमान मुख्या सचिव अंजनी कुमार जी का है जिसने अपने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के कार्यकाल में एक घटिया, भ्रस्टाचार को बढ़ाने वाला,शिक्षकों में असमानता बढ़ाने वाला निति बनाये। और प्रोन्नति के रूप में आज बिहार के मुख्यसचिव पद की शोभा बढ़ा रहे है।
४वे नंबर पर वर्तमान शिक्षा मंत्री श्री अशोक चौधरी ने शिक्षा में ब्याप्त भ्रस्टाचार मामले को सुलझाने के बदले सिर्फ शिक्षा कि गुणवत्ता को मीडीया मॆ चिलाते है लेकिन करते कूछ नही है ।अगर बिहार सरकार जब भी कही व्यापक गड़बड़घोटाला सामने आती है या शिक्षा मंत्री / शिक्षा विभाग के किसी पदाधिकारी क तबियत खराब होता है तो चौधरी जी आरोप नियोजित शिक्षक के ऊपर लगाने मॆ कोई देर नही करते।
५वे नंबर पर विपक्ष खास कर सुशिल मोदी भी शिक्षा में ब्याप्त भ्रस्टाचार मामले में हमलावर नहीं होते,जितना लालू जी के ऊपर आरोप लगा रहे है काश उतना आरोप शिक्षा व्यवस्था पर भी लिए होते तो आज शायद ऐसी स्थिति नहीं रहती।
६वे नंबर पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ / बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ के पुराने नेता (वर्तमान समय मॆ प्रदेश अध्यक्ष /महासचिव ) जो सरकार का दलाली करते है एवम कूछ नियोजित शिक्षक संघ जो अपना राजनीति को चमकाने के लिये अनाप शनाप आंदोलन करते है ...
संघर्षशील शिक्षक साथी
आपका
संतोष श्रीवास्तव
सबसे पहला नंबर लालू जी का है, अपने शासन में और राबड़ी जी के शासन में बिहार की शिक्षा दयनीय स्थिति में थी, जिसकी भरपाई के लिए चरवाहा विद्यालय खोले गए थे.
दूसरे नंबर पर माननिये मुख्यमंत्री नितीश कुमार है, शिक्षा की गुणवत्ता से दूर तक कोई वास्ता नहीं,वोट बैंक के लिए लोकलुभवन योजनाएं चलाये गए, शिक्षकों के भर्ती के नाम पर अयोग्य,फ़र्ज़ी,शिक्षकों की बहाली की गयी. व्यापक रूप से मुखिया से लेकर जिला परिषद् अध्यक्ष तक पैसो के दम पर शिक्षकों की बहाली की, क्या इस बात की खबर मुखयमंती को नहीं ?
तीसरे नंबर पर वर्तमान मुख्या सचिव अंजनी कुमार जी का है जिसने अपने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के कार्यकाल में एक घटिया, भ्रस्टाचार को बढ़ाने वाला,शिक्षकों में असमानता बढ़ाने वाला निति बनाये। और प्रोन्नति के रूप में आज बिहार के मुख्यसचिव पद की शोभा बढ़ा रहे है।
४वे नंबर पर वर्तमान शिक्षा मंत्री श्री अशोक चौधरी ने शिक्षा में ब्याप्त भ्रस्टाचार मामले को सुलझाने के बदले सिर्फ शिक्षा कि गुणवत्ता को मीडीया मॆ चिलाते है लेकिन करते कूछ नही है ।अगर बिहार सरकार जब भी कही व्यापक गड़बड़घोटाला सामने आती है या शिक्षा मंत्री / शिक्षा विभाग के किसी पदाधिकारी क तबियत खराब होता है तो चौधरी जी आरोप नियोजित शिक्षक के ऊपर लगाने मॆ कोई देर नही करते।
५वे नंबर पर विपक्ष खास कर सुशिल मोदी भी शिक्षा में ब्याप्त भ्रस्टाचार मामले में हमलावर नहीं होते,जितना लालू जी के ऊपर आरोप लगा रहे है काश उतना आरोप शिक्षा व्यवस्था पर भी लिए होते तो आज शायद ऐसी स्थिति नहीं रहती।
६वे नंबर पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ / बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ के पुराने नेता (वर्तमान समय मॆ प्रदेश अध्यक्ष /महासचिव ) जो सरकार का दलाली करते है एवम कूछ नियोजित शिक्षक संघ जो अपना राजनीति को चमकाने के लिये अनाप शनाप आंदोलन करते है ...
संघर्षशील शिक्षक साथी
आपका
संतोष श्रीवास्तव