मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट सुधारने के लिए हाईस्कूलों के लिए अब हर महीने का सिलेबस बनेगा। साथ ही तिमाही और छमाही सिलेबस भी तैयार किया जाएगा। इस व्यवस्था पर काम करने का निर्देश भी दे दिया गया है।
स्कूल स्तर पर इसकी जवाबदेही हेडमास्टर को दी गई है। जिला स्तर पर डीईओ को इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत स्कूल के सभी शिक्षक अपने-अपने विषय के लिए हर महीने का सिलेबस तैयार करेंगे। इसी सिलेबस के अनुसार शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे। छह महीने का सिलेबस भी स्कूलों में तैयार किया जाएगा।
इस बार जिले में मैट्रिक का रिजल्ट काफी खराब रहा है। सूबे में नीचे से दूसरे नंबर पर जिला का स्थान रहा है। इसमें सुधार के लिए विभाग ने यह कवायद की है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने हाईस्कूल और प्लस 2 स्कूल में शिक्षण व्यवस्था सुधारने के लिए शिक्षकों की कमी दूर करने का निर्देश दिया है।
जिन प्लस 2 स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां पद सृजित कर शिक्षक का पदस्थापन करने का निर्देश दिया गया है। निदेशक ने सेवानिवृत्त शिक्षकों और विजिटिंग फैकल्टी से भी इन पदों को भरने का निर्देश दिया है। विभाग से जारी गाइडलाइन को अधिकारी स्कूलों में कितना लागू करवा पा रहे हैं, इसकी साप्ताहिक और मासिक रिपोर्ट देनी है।
साथ ही एक वेबपोर्टल विकसित कर उस पर इस रिपोर्ट को अपलोड करने का भी निर्देश मिला है। बोर्ड परीक्षा में बच्चे बेहतर करें, इसके लिए 10वीं के सेंटअप के बाद रिजल्ट के आधार पर कमजोर बच्चों को चिन्हित करना है। ये बच्चे जिस विषय में कमजोर होंगे, उसमें इन्हें अलग से तैयारी कराने की जिम्मेवारी संबंधित विषय के शिक्षक और स्कूल हेडमास्टर को दी गई है।
स्कूल स्तर पर इसकी जवाबदेही हेडमास्टर को दी गई है। जिला स्तर पर डीईओ को इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत स्कूल के सभी शिक्षक अपने-अपने विषय के लिए हर महीने का सिलेबस तैयार करेंगे। इसी सिलेबस के अनुसार शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे। छह महीने का सिलेबस भी स्कूलों में तैयार किया जाएगा।
इस बार जिले में मैट्रिक का रिजल्ट काफी खराब रहा है। सूबे में नीचे से दूसरे नंबर पर जिला का स्थान रहा है। इसमें सुधार के लिए विभाग ने यह कवायद की है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने हाईस्कूल और प्लस 2 स्कूल में शिक्षण व्यवस्था सुधारने के लिए शिक्षकों की कमी दूर करने का निर्देश दिया है।
जिन प्लस 2 स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां पद सृजित कर शिक्षक का पदस्थापन करने का निर्देश दिया गया है। निदेशक ने सेवानिवृत्त शिक्षकों और विजिटिंग फैकल्टी से भी इन पदों को भरने का निर्देश दिया है। विभाग से जारी गाइडलाइन को अधिकारी स्कूलों में कितना लागू करवा पा रहे हैं, इसकी साप्ताहिक और मासिक रिपोर्ट देनी है।
साथ ही एक वेबपोर्टल विकसित कर उस पर इस रिपोर्ट को अपलोड करने का भी निर्देश मिला है। बोर्ड परीक्षा में बच्चे बेहतर करें, इसके लिए 10वीं के सेंटअप के बाद रिजल्ट के आधार पर कमजोर बच्चों को चिन्हित करना है। ये बच्चे जिस विषय में कमजोर होंगे, उसमें इन्हें अलग से तैयारी कराने की जिम्मेवारी संबंधित विषय के शिक्षक और स्कूल हेडमास्टर को दी गई है।