पटना : राज्य के 66 हजार नियोजित शिक्षकों को चार से छह महीने से वेतन
नहीं मिला है. ये वैसे नियोजित शिक्षक हैं, जिनके वेतन का भुगतान राज्य
सरकार करती है. जमुई जिले में जहां छह महीने से वेतन नहीं मिला है, वहीं
भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, सुपौल समेत अन्य जिलों में चार महीने से
वेतन लंबित है.
अररिया, मधुबनी, बांका, सीतामढ़ी, किशनगंज जिलों में फरवरी तक ही वेतन
का भुगतान हुआ है. वेतन लंबित रहने से जहां शिक्षकों में रोष है वहीं
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को सर्वशिक्षा अभियान मद से वेतन देने का अाग्रह
किया है. राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 3.23 लाख नियोजित शिक्षक हैं.
इनमें से 2.57 लाख नियोजित शिक्षकों को सर्वशिक्षा अभियान से और 66 हजार
शिक्षकों को राज्य सरकार की ओर से वेतन की राशि दी जाती है. सर्वशिक्षा
अभियान में भी पिछले वित्तीय वर्ष (2016-17) की केंद्र से स्वीकृत पूरी
राशि राज्य सरकार को नहीं मिल सकी.
इसकी वजह से राज्य सरकार ने अपने मद से फरवरी तक के वेतन का भुगतान
किया है. वहीं, 66 हजार नियोजित शिक्षकों को वेतन का भुगतान राशि की कमी की
वजह से नहीं हो पा रहा है. जमुई में अक्तूबर महीने तक ही वेतन का भुगतान
हुआ है. राज्य सरकार ने जमुई में राशि भेजी है, लेकिन बैंकों के सहयोग
नहीं करने की वजह से वेतन का भुगतान करने में समस्या हो रही है. शिक्षा
विभाग पिछले वित्तीय वर्ष समेत इस वित्तीय वर्ष के वेतन की एक साल की राशि
कैबिनेट से स्वीकृत कर जिलों को भेजने की तैयारी कर रहा. विभाग इसके लिए
प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
जमुई में नवंबर से, जबकि भागलपुर, मधेपुरा सहरसा दरभंगा, सुपौल में जनवरी
से वेतन नहीं कुछ जिलों में वेतन भुगतान की समस्या हुई है. विभाग ने
जिलों से सर्वशिक्षा अभियान मद में बची राशि को नियोजित शिक्षकों के वेतन
में देने का आग्रह भी किया है. कुछ जिलों में बैकों के सहयोग नहीं करने की
भी शिकायत मिल रही है, विभाग इसे देखेगा.
अमित कुमार, प्रवक्ता, शिक्षा विभाग