लखीसराय। नियोजित शिक्षकों के किसी भी प्रकार के मामले का निबटारा करने एवं
उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का अधिकार शिक्षा विभाग को नहीं है। संबंधित
नियोजन इकाई ही नियोजित शिक्षकों के मामले का निष्पादन अथवा उनके विरुद्ध
कार्रवाई कर सकती है।
नियोजन इकाई में मामले का निष्पादन नहीं होने पर जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में संबंधित मामले की सुनवाई होगी। शिक्षा विभाग के क्षेत्राधिकार से बाहर रहने के बावजूद नियोजित शिक्षकों से संबंधित मामला शिक्षा विभाग को भेजा जाता है। इस कारण संबंधित नियोजित शिक्षकों का समय तो बर्बाद होता है। साथ ही शिक्षा विभाग की भी परेशानी बढ़ती है। शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) श्याम बाबू राम ने बताया कि शिक्षा विभाग को अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर नियोजित शिक्षकों को सिर्फ वेतन भुगतान करने का ही अधिकार है। नियोजित शिक्षकों के मामले का निबटारा करने अथवा उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा संबंधित नियोजन इकाई को पत्र भेजा जाता है। ऐसे में बेकार का समय और श्रम की बर्बादी होती है।
नियोजन इकाई में मामले का निष्पादन नहीं होने पर जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में संबंधित मामले की सुनवाई होगी। शिक्षा विभाग के क्षेत्राधिकार से बाहर रहने के बावजूद नियोजित शिक्षकों से संबंधित मामला शिक्षा विभाग को भेजा जाता है। इस कारण संबंधित नियोजित शिक्षकों का समय तो बर्बाद होता है। साथ ही शिक्षा विभाग की भी परेशानी बढ़ती है। शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) श्याम बाबू राम ने बताया कि शिक्षा विभाग को अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर नियोजित शिक्षकों को सिर्फ वेतन भुगतान करने का ही अधिकार है। नियोजित शिक्षकों के मामले का निबटारा करने अथवा उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा संबंधित नियोजन इकाई को पत्र भेजा जाता है। ऐसे में बेकार का समय और श्रम की बर्बादी होती है।